प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए हॉन्ग-कॉन्ग में काली मिर्च की गोलियां दागी, दंगा पुलिस ने पत्रकारों को वीडियोग्राफी से भी रोका, ट्रंप जल्द लेंगे बड़ा फैसला
हॉन्ग-कॉन्ग: हॉन्ग-कॉन्ग में चीन के सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को फिर से जीवित करने और चीनी राष्ट्रगान के अपमान को अपराध के दायरे में लाने को लेकर विवादित विधेयक को पारित कराने की जिद पर चीन की सरकार अब भी अड़ी हुई है। हॉन्ग-कॉन्ग पर नया विवादित सुरक्षा कानून लाकर चीन चारों तरफ से हो रही आलोचनाओं से घिर गया है।
बीजिंग की तरफ से प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को हांगकांग में लागू करने पर संसद में जारी चर्चा को बाधित न होने देने के चलते दंगा पुलिस की ओर से जबरदस्त इंतजाम किया गया था। इस बीच सत्र से पहले विधान भवन के बाहर जब प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए तो पुलिस ने उन पर मुकदमा चलाने की धमकी भी दी। लेकिन जब वे नहीं हटे तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए काली मिर्च की गोलियां दागी। मिर्च स्प्रे के साथ दंगा पुलिस ने पत्रकारों को वीडियोग्राफी करने से भी रोका जबकि हॉन्ग-कॉन्ग में चीन से इतर पत्रकारों को पहले से आजादी मिली हुई है।
इस बिल के बाद ‘मार्च ऑफ द वॉलंटियर’ का अपमान करना गैरकानूनी होगा: जो दोषी साबित होंगे उसे 3 साल तक की जेल होगी और उस पर 6,450 डॉलर का जुर्माना लगेगा
यहां हॉन्ग-कॉन्ग में गैर कानूनी प्रदर्शन के आरोप में पुलिस ने करीब 300 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि इसके बावजूद लोगों ने काले कपड़े पहने और काला झंडा उठाकर बिल का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विधेयक पास होने के बाद चीन उनकी विरोध की आवाज को दबा देगा और हॉन्ग-कॉन्ग के लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी को करारा झटका मानते हैं। इस विधेयक के बाद ‘मार्च ऑफ द वॉलंटियर’ का अपमान करना गैरकानूनी हो जाएगा। जो दोषी पाया जाएगा उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है और उस पर 6,450 डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रगान विधेयक शहर में अभिव्यक्ति की आजादी को करारा झटका है।
कोरोना संकट के चलते दुनिया भर में आलोचना झेल रहे चीन पर हांगकांग मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति ने सकत रूख अपनाया है। इससे दोनों देशों में और तनाव बढ़ा है। ट्रंप ने कहा, चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हांगकांग में जो कुछ भी कर रहा वह ठीक नहीं। हम इस पर जल्द फैसला लेंगे। उन्होंने कहा, “आप इस बारे में जल्द सुनेंगे, शायद इसी हफ्ते। हम बहुत कठोर जवाब देंगे।” हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि वह चीन पर क्या कदम उठाने वाले हैं। लेकिन इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैली मैकनेनी कह चुकी हैं कि ट्रंप चीन की तरफ से लाए गए सुरक्षा कानून से नाराज हैं और राष्ट्रपति को लगता है कि अगर चीन ने सत्ता संभाली तो हांगकांग का एक वित्तीय केंद्र बना रहना मुश्किल होगा।
नया सुरक्षा कानून लागू कर चीन हॉन्ग-कॉन्ग पर अपना नियंत्रण मजबूत करना चाहता
हॉन्ग-कॉन्ग पर नया विवादित सुरक्षा कानून लाकर चीन चारों तरफ से हो रही आलोचनाओं से घिर गया है। अपने इस कदम का बचाव करते हुए उसने कहा है कि उसे हॉन्ग-कॉन्ग के मसले पर विदेशी दखल बर्दाश्त नहीं है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हॉन्ग-कॉन्ग में विवादित नए सुरक्षा कानून को लागू करने के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश पर गैरकानूनी रूप से ‘अत्यधिक विदेशी दखलंदाजी’ के कारण चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर संकट पैदा हो गया है। हॉन्ग-कॉन्ग में नया सुरक्षा कानून लागू कर चीन उस पर अपना नियंत्रण मजबूत करना चाहता है।
वांग के कहा कि हॉन्ग-कॉन्ग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एचकेएसएआर) के लिए न्यायिक व्यवस्था और प्रवर्तन के नियमों को लागू करना और उनमें सुधार करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्राथमिकता है और इसे बिना देरी के लागू किया जाना चाहिए।एचकेएसएआर के लिए न्यायिक व्यवस्था और प्रवर्तन नियमों को लागू करने और उनमें सुधार के लिए एक बिल का ड्राफ्ट शुक्रवार को चीन की संसद में पेश किया गया था और उम्मीद जताई जा रही है कि 28 मई को यह पास हो जाएगा।