कैंसर के इलाज में नई थैरेपी:अमेरिका व जापान के वैज्ञानिकों को नोबेल

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दोनों वैज्ञानिकों को इनाम के तहत 7 करोड़ 35 लाख रुपए मिलेंगे

इन दोनों ही वैज्ञानिकों ने कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज के लिए एक ऐसी थेरपी विकसित की है जिससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा

स्टॉकहोम: दुनिया के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक नोबेल पुरस्कार के साल 2018 के विजेताओं का ऐलान हो गया है। इस साल की पहली घोषणा चिकित्सा के क्षेत्र में हुई है। मेडिकल क्षेत्र में योगदान के लिए अमेरिका के जेम्स एलिसन और जापान के तासुकु होंजो को नोबेल से नवाजा जाएगा। एलिसन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास और होंजो जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं। उन्हें कैंसर के इलाज में नई थैरेपी ढूंढने के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं इस बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिए जाने का फैसला किया गया है।
 
इन दोनों ही वैज्ञानिकों ने कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज के लिए एक ऐसी थेरपी विकसित की है जिससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा। इस नई थैरेपी के जरिए शरीर का प्रतिरोधक तंत्र कैंसर प्रभावित कोशिकाओं में बनने वाले प्रोटीन को शरीर में बढ़ने से रोकेगा। यह प्रोटीन आमतौर पर प्रतिरोधक तंत्र की कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता को कम कर देता है। थैरेपी के बाद प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर कैंसर से लड़ने में सक्षम होगी।
 
जेम्स एलिसन और तासुकु होंजो इससे पहले 2014 में अपनी रिसर्च के लिए एशिया का टैंग प्राइज जीत चुके हैं। इसे एशिया का नोबेल भी कहा जाता है। नोबेल जीतने के लिए दोनों को स्वीडन के कारोलिन्सका इंस्टीट्यूट की तरफ से 90 लाख क्रोनर (करीब 7 करोड़ 35 लाख रुपए) दिए जाएंगे।
 
पिछले साल चिकित्सा का नोबेल तीन अमेरिकियों को इंसान की बॉयलॉजिकल क्लॉक पर प्रभाव डालने वाले जीन्स और प्रोटीन पर रिसर्च के लिए दिया गया था। इसके जरिए रिसर्चर्स ने लोगों की नींद, ब्लड प्रेशर और खाने की आदतों में प्रभाव डालने वाले कारणों का पता लगाया था।
 
मंगलवार को भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल प्राइज जीतने वाले वैज्ञानिक के नाम का ऐलान किया जाएगा। इसके बाद रसायन का नोबेल और शुक्रवार को नोबेल के शांति पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। 1949 के बाद पहली बार मीटू से जुड़े विवादों के चलते साहित्य का नोबेल नहीं दिया जाएगा। दरअसल, विजेता का चुनाव करने वाली स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना फ्रोस्टेनसन के पति जॉन क्लॉड अरनॉल्ट पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। इसीलिए 2018 के विजेता के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। अरनॉल्ट को सोमवार को ही स्वीडन की एक कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया। उन्हें दो साल की जेल की सजा हुई।

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