शराबबंदी पर नीतीश झुके, जब्त नहीं होंगे वाहन, मकान और खेत

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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई के लिए ग्रिड बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार कुछ झुकने को तैयार हो गई है। इस बाबत बिहार कैबिनेट ने बुधवार 11 जुलाई को बड़ा फैसला किया। बिहार कैबिनेट ने शराबबंदी के कड़े कानूनों में बदलाव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक अब शराब मिलने पर वाहन, मकान और खेत जब्त करने के नियाम को खत्म किया जा रहा है। इससे पहले नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि उनकी सरकार शराबबंदी के कड़े कानूनों पर कानूनविदों से सलाह ली है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में संशोधन के लिए पेश किया जाएगा।

बिहार में दो साल से पूर्ण शराबबंदी है। मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक-2016 में कड़े सजा के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत तहत पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और नशे में पकड़े जाने पर न्यूनतम एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक आर्थिक दंड का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 39 प्र्स्तावों पर मुहर लगाई गई। बिहार कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई के लिए ग्रिड बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
 
शराबबंदी के कड़े कानूनों में बदलाव केे बाद कानून तोड़ने वाले मुजरिमों को जिसने तीन साल की सजा पूरी कर ली है वो बाहर निकलेंगे। पहली बार पकड़े जाने वालों के लिए भी नए सिरे से सजा पर विचार हो सकते हैं।
 

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