राज्यपाल शासन में पहली गिरफ्तारी यासीन मलिक की

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नये हालात में कल ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की प्रशासनिक जिम्मेवारी संभाली। उनकी सहायता के लिए केंद्र ने राज्य में नये मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम व गवर्नर के सलाहकार के रूप में पूर्व आइपीएस के विजय कुमार को तैनात किया है।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी नेता यासीन मल्लिक को गुरुवार सुबह उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें उनके श्रीनगर से सटे मौसुमा स्थित आवास से गिरफ्तार किया। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन को कश्मीर को भारत और पाकिस्तान से अलग करने की वकालत करने वाला नेता माना जाता है। राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद अलगाववादियों पर यह पहली बडी कार्रवाई है। 
जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने कहा कि मलिक ने घाटी में मारे गए निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ आह्वान किया है। मगर पुलिस नहीं चाहती कि वह इस धरने का नेतृत्व करें। गुरुवार सुबह पुलिस उनके घर पर पहुंची और हिरासत में ले लिया। पिछले दिनों घाटी में मारे गए राइजिंग कश्मीर के संपादक और निर्दोष नागरिकों की मौत के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था। मलिक के अलावा सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक ने घाटी के हालात पर चर्चा के बाद बंद का फैसला लिया था।
 
नये हालात में कल ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की प्रशासनिक जिम्मेवारी संभाली थी और अफसरों के साथ सचिवालय जाकर बैठक की थी। उनकी सहायता के लिए केंद्र ने राज्य में नये मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम व गवर्नर के सलाहकार के रूप में पूर्व आइपीएस के विजय कुमार को तैनात किया है। दोनों अफसर आंतरिक सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं और नक्सलवाद से निबटने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने उन्हें राज्य में आतंकवाद और अलगाववाद से निबटने की जिम्मेवारी सौंपी है।

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