किसान शिवराज की बात नहीं मान रहे, खुदकुशी की

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मध्य प्रदेश में किसानों पर 74 हजार करोड़ कर्ज बकाया है। इस हिसाब से हर किसान परिवार पर 32,100 रुपए का कर्ज है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार पर 1.11 लाख करोड़ का  कर्ज है यानी प्रदेश के हर व्यक्ति पर औसतन 13,853 रुपए का कर्ज।

संवाददाता/भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास करके मान गए थे कि किसानों के प्रति उनके लगाव को किसान समझते हैं और किसान उनसे जुदा नहीं हो सकते। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। उनके गृह जिले सीहोर मे कर्ज से तंग आकर किसान ने जहर पीकर जिस तरह से खुदकुशी कर ली है, उससे शिवराज सिंह की राजनीति की पोल खुल गयी है। जिले की रेहटी तहसील में आने वाले गांव जाजना के किसान ने छह लाख रुपए के कर्ज से तंग आकर जहर खाकर मौत को गले लगा लिया है।

जानकारी के मुताबिक, गांव जाजना के रहने वाले 55 साल के  दुलचंद ने सोमवार को अपने ही घर में कीटनाशक पी लिया। मृतक के बेटे शेर सिंह ने बताया कि उसके पिता पर चार लाख रुपए बैंक और दो लाख रुपए अन्य का कर्ज था इसके कारण वह काफी दिनों से परेशान थे। मामले में कोई भी अधिकारी अभी बोलने को तैयार नहीं है।

मध्य प्रदेश में किसानों पर 74 हजार करोड़ कर्ज बकाया है। इस हिसाब से हर किसान परिवार पर 32,100 रुपए का कर्ज है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार पर 1.11 लाख करोड़ का  कर्ज है यानी प्रदेश के हर व्यक्ति पर औसतन 13,853 रुपए का कर्ज। आपको बता दें कि देश के कुल अनाज उत्पादन का 10 फीसदी अनाज मध्यप्रदेश के किसान उपजाते हैं। खेती की हालत अच्छी होने की वजह से ही चार बार कृषि कर्मण पुरस्कार राज्य को मिल चुका है लेकिन किसानो की आत्महत्या बहुत कुछ कह जाती है। देखना होगा कि मध्यप्रदेश का यह किसान आंदोलन राजनीति को कितना प्रभावित करता है।

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