मिड-डे मिल देने की कड़ी शर्त जुलाई से

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आधार कार्ड दिखाने के लिए मानवसंसाधन विभाग के नए आदेश पर छत्तीसगढ़ सख्त

अब 1 जुलाई नए शिक्षा सत्र से राज्य के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में आधार कार्ड दिखाने पर ही बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसा जाएगा।

प्रमोद ब्रह्मभट्ट, वरिष्ठ पत्रकार/रायपुर

मानव संसाधन मंत्रालय के आधार कार्ड पर लिए गए निर्णय के अनुसार 30 जून तक सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य है। केन्द्र के इस आदेश का छत्तीसगढ़ में कड़ाई से पालन करने का निर्णय लिया गया है। अब 1 जुलाई नए शिक्षा सत्र से राज्य के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में आधार कार्ड दिखाने पर ही बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसा जाएगा।
केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार ने एक जुलाई से कार्ड अनिवार्य कर दिया है। नए नियम के अनुसार जिस बच्चे के पास आधार कार्ड नहीं होगा, उसे मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जाएगा। बच्चों को आधार कार्ड बनवाना होगा। शिक्षा विभाग को कार्ड बनवाने में मदद करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक पढ़ रहे करीब 35 लाख बच्चे मध्यान्ह भोजन योजना में शामिल हैं। आईसीडीसी के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भी लाभ मिल रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विभाग ने एक जुलाई से योजना में कुछ बदलाव किया है। इसके तहत बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य रहेगा। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वह अपने यहां योजना में शामिल बच्चों के कार्ड देखें। अफसरों का कहना है कि कार्ड नहीं होने की दशा में तुरंत भोजन बंद नहीं किया जाएगा। बच्चों के पालकों को बुलाकर कार्ड बनवाने के लिए कहा जाएगा। इसमें स्कूल के शिक्षकों की ओर से हर संभव मदद की जाएगी।
इसके लिए 30 जून अंतिम डेट होगी। 1 जुलाई के बाद नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यदि बच्चों को भोजन के अलावा कोई दूसरी सुविधाएं चाहिए तो उसके लिए भी कार्ड अनिवार्य होगा। कार्ड न होने की स्थिति में 3 अन्य दस्तावेज दिखा सकते हैं इनमें आधार कार्ड के लिए जमा किए गए आवेदन की फोटो कापी भी मान्य होगी। राज्य के स्कूलों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन के अलावे स्कूल ड्रेस,बैग और किताबें भी दी जाती हैं।

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