अमेरिका ने दूसरी बार टेस्ट की एटमी मिसाइल

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अमेरिका ने दूसरी बार इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट की है। यही नहीं, अमेरिका के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर रॉबर्ट वॉर्क ने यह तक कह दिया कि हमने ये टेस्ट इसलिए किए हैं ताकि तीनों देशों को हमारी ताकत के बारे में साफ मैसेज पहुंच जाए।न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका ने मिनटमैन-III मिसाइल का शुक्रवार रात कैलिफोर्निया में टेस्ट किया। मिसाइल 24 हजार किमी/घंटा की रफ्तार से आसमान में गई।दागे जाने के आधे घंटे बाद मिसाइल ने साउथ पेसिफिक के मार्शल अायलैंड्स में 6500 किमी की दूरी पर अपने टारगेट को हिट किया।इस मिसाइल की रेंज 10 हजार किमी है। यानी रूस, चीन, कोरिया को इससे साफ तौर पर खतरा है।

इस न्यूक्लियर मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिका के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर वॉर्क ने कहा कि अमेरिका इस जनवरी 2011 के बाद से इसके 15 टेस्ट कर चुका है। हम रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए ये टेस्ट करते हैं।उन्होंने कहा, ‘यह इस बात का सिग्नल है कि हमारा देश जरूरत पड़ने को न्यूक्लियर वेपन का इस्तेमाल करने को तैयार है।’[ads1]

नॉर्थ कोरिया ने 7 फरवरी को लॉन्ग रेंज मिसाइल लॉन्च किया। तानाशाह किम जोंग उन के अफसरों ने इसे ‘अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च’ करार दिया। हालांकि, जापान और अमेरिका ने इसे मिसाइल टेस्ट बताया था।इससे पहले जनवरी में नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम टेस्ट कर दुनिया को चौंका दिया था। वह 2006, 2009 और 2013 में न्यूक्लियर बम की टेस्टिंग भी कर चुका है।

चीन के साथ अमेरिका का साउथ चाइना सी को लेकर विवाद चल रहा है।चीन साउथ चाइना सी में 12 मील के इलाके पर अपना हक जताता है। चीन के अलावा ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया भी इस इलाके पर अपना दावा जताते हैं।यहां असली लड़ाई तेल और नेचुरल गैस की है। अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है। इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है।

चीन ने हाल ही में साउथ चाइना सी पर आठ मिसाइलें तैनात कर दीं।इसके बाद अमेरिका-चीन में तीखी बयानबाजी हुई। नॉर्थ कोरिया के सैटेलाइट लॉन्च के बाद अमेरिका ने भी उसकी बॉर्डर के नजदीक टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (THAAD) लगाने का एलान कर दिया।इसका चीन ने जबर्दस्त विरोध किया।