मैंने अपने रोल्स में हमेशा फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन करने की कोशिश की। इसकी शुरुआत पहली फिल्म ‘वो सात दिन’ से हुई। यह 1981-82 की बात होगी। उन दिनों ‘बॉबी’, ‘लव स्टोरी’ और ‘रॉकी’ आई, तो मुझे लगा कि इन तमाम लव स्टोरीज में मेरा लुक डिफरेंट होना चाहिए। फिल्म में मैं पटियाला का लड़का बना था। लुक हूबहू आए, इसके लिए मैंने रोड साइड नाई से बाल कटवाए। मुझे हमेशा लगता रहा कि मैं ऐक्टर्स की तरह हसीन-हैंडसम तो हूं नहीं। बेहतर होगा कि मैं ऐक्टर बनने की कोशिश करूं। ‘1942-ए लव स्टोरी’ में मैंने बाल कटवाए। ‘लम्हे’ में मैंने मूंछें हटाई। हर बार मौका मिलने पर मैं कुछ न कुछ बदलाव करता रहा। अब करियर के इस मुकाम पर हर किस्म का रोल करने को तैयार रहूं।