हर सुबह एक छोटी-सी प्रार्थना जरूर करें। कहें- हे प्रभु! मेरे पैर अपंगों के पैर बन जाएं। मेरी आंखें अंधों की आंखें बन जाएं। मेरे हाथ बेसहारों के लिए सहारा बन जाएं। दुख और शोक में संतप्त आंसू बहाते लोगों के लिए सांत्वना देने में मेरी जीभ हमेशा काम आए। किसी गरीब और रोगी की सेवा में मेरा पसीना बहे, कोई अतिथि कभी भी मेरे दरवाजे से भूखा-प्यासा न जाए।
हे प्रभु! अपने इस बालक को हमेशा इस लायक बना कर रखना।