पटना। बिहार में विधायकों और विधान पार्षदों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। इनके वेतन और भत्तों के साथ ही अन्य सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। दूसरी तरफ, विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तारीखें भी तय हो गई हैं। यह सत्र 13 से 19 दिसंबर तक चलेगा।
शीतकालीन सत्र की तैयारियां शुरू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गई। अब राज्यपाल की सहमति के बाद राज्य सरकार सत्र की तारीखों की विधिवत घोषणा करेगी। शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
शीतकालीन सत्र शुरू होने के पूर्व प्राथमिकता में लेते हुए दोनों सदन के अंदर आसन व्यवस्था, फर्श के कालीन को बदलने, सदन के अंदर माइक व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश भवन निर्माण विभाग के सचिव को दिया गया है। 13 दिसंबर मंगलवार से शुरू होकर 19 दिसंबर यानि सोमवार तक सत्र चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठक होने की संभावना है।
विधानमंडल सदस्यों का बढ़ा वेतन- भत्ता
सरकार ने बिहार विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्यों का वेतन एवं भत्ता बढ़ाने का निर्णय किया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को इसकी मंजूरी दी गई। इस पहल से वर्तमान और पूर्व विधायक एवं विधान पार्षदों प्रत्यक्ष तौर वेतन और भत्ता में 30 हजार रुपये से अधिक बढ़ने का अनुमान है। विधान मंडल सदस्य और पूर्व सदस्य सरकार से वेतन और भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
इसमें मूल वेतन, क्षेत्रीय भत्ता, वाहन लोन, चिकित्सा भत्ता, स्टेशनरी भत्ता, निजी सहायक भत्ता, रेल और प्लेन भत्ता, आवास भत्ता आदि शामिल है। यात्रा भत्ता (टीए) विधान मंडल से सदस्य के क्षेत्र की दूरी के हिसाब से तय होगा। सदस्यों को प्रति किमी के हिसाब से टीए मिलता है। वेतन में टीए को जोड़ देने के बाद पटना के विधायक को सबसे कम वेतन जबकि किशनगंज के विधायक को सबसे अधिक मिलेगा।