अगर कोरोना की रफ्तार ऐसी ही रही तो भारत इस तालिका में नंबर एक पर पहुंच जाएगा, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। दरअसल, डबलिंग रेट से मतलब है कि कितने दिन में कोरोना के मामले दोगुने हो रहे हैं।
नई दिल्ली: क्या देश में कोरोना वायरस कितने घातक तरीके से पांव पसार रहा है? ताजा आंकड़ा आया है कि यहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 20 लाख पार कर गई है। भारत गुरुवार को अमेरिका और ब्राजील के बाद दुनिया का तीसरा देश बन गया, जहां 20 लाख से अधिक कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं। अगर कोरोना की रफ्तार ऐसी ही रही तो भारत इस तालिका में नंबर एक पर पहुंच जाएगा, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
सबसे डरावनी बात तो यह लग रही है कि भारत में यह दूसरा 10 लाख महज 21 दिनों में आया। यानी पिछले 21 दिनों में कोरोना वायरस के दस लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। दरअसल, 16 जुलाई को देश में पहले 10 लाख कोरोना के मामले सामने आए थे। इस बार कोरोना के दूसरे 10 लाख में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार से 42 फीसदी मामले हैं।
गुरुवार को 62,088 नए कोरोना केसों से देशभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 2022730 हो गई। कोरोना का डबलिंग रेट अब देश में 22.7 दिन है। यह अमेरिका (60.2) और ब्राजील (35.7) के डबलिंग रेट से कई गुना ज्यादा है। अगर कोरोना की रफ्तार ऐसी ही रही तो भारत इस तालिका में नंबर एक पर पहुंच जाएगा, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। दरअसल, डबलिंग रेट से मतलब है कि कितने दिन में कोरोना के मामले दोगुने हो रहे हैं।
अगर देश में कोरोना के मामले अब तक के दर से बढ़ते हैं, तो विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले एक मिलियन यानी दस लाख केस में सिर्फ दो सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। यानी अगले करीब अगले दो सप्ताह बाद भारत में कोरोना वायरस के मामले 30 लाख पार कर जाएंगे। बता दें कि अमेरिका में फिलहाल कोरोना वायरस के 4,993,508 केस और ब्राजील में 2,873,304 केस हैं।
16 जुलाई से पहले तक देश के कोरोना वायरस मामलों में जहां आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार का योगदान 19 फीसदी था, वही अब उसके बाद से 42 फीसदी हो गया
वहीं, भारत में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो इसका आंकड़ा 41 हजार पार कर चुका है। गुरुवार को 898 मौतों से यह आंकड़ा 41,633 पहुंच गया। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार मृत्यु दर गिरकर 2.07 फीसदी पर आ गई है, जो वैश्विक रेट 3.75 फीसदी से कम है। अमेरिका में कोरोना का मृत्युदर जहां 5.72 फीसदी है, वहीं ब्राजील में 3.81 फीसदी है।
हालांकि, 16 जुलाई को जब देश में कोरोना के मामले दस लाख पार हुए थे, तब करीब 56% कोरोना केस सिर्फ महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली के थे। मगर अब इसका ट्रेंड बदला है। पहले दस लाख मामलों में जहां दिल्ली का योगदान सिर्फ 12 फीसदी था, अब दूसरे दस लाख मामलों में सिर्फ 3 फीसदी रह गया है।
16 जुलाई से पहले तक देश के कोरोना वायरस मामलों में जहां आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार का योगदान 19 फीसदी था, वही अब उसके बाद से 42 फीसदी हो गया है।