कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला
सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। यह डेडलाइन वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019- 20) के लिए बढ़ाई गई है।
नई दिल्ली: सरकार ने आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने में करदाताओं को बड़ी राहत दी है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 30 सितंबर कर दी गई है। आयकर विभाग के इस फैसले से करदाताओं को काफी राहत मिलेगी क्योंकि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लोगों को आईटीआर भरने में दिक्कत आ रही थी।
आयकर विभाग के ट्वीट में कहा गया है, कोविड महामारी के कारण और करदाताओं की आसानी के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019- 20) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन को 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दिया है।
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019- 20) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन 31 जुलाई थी लेकिन कोविड-19 महामारी और इससे बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आईटीआर के डेडलाइन बढ़ाने का फैसला लिया है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरना अब और आसान
मालूम हो कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स की सहूलियत के लिए आयकर विभाग ने नया 26AS फॉर्म जारी किया है। इससे आयकर रिटर्न भरना और आसान हो जाएगा।
क्या है 26 AS फॉर्म
यह एक सालाना टैक्स स्टेटमेंट होता है. इस फॉर्म मेंआपकी ओर से दिए गए टैक्स और किसी भी संस्था की ओर से काटे गए टैक्स की सारी जानकारी दर्ज होती है। आईटीआर फाइलिंग के वक्त इसकी जरूरत पड़ती है। पैन नंबर की मदद से आप यह फॉर्म इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से निकाल सकते हैं।
नए 26AS फॉर्म में क्या है?
CBDT ने कहा है कि पहले किसी भी पैन के Form 26AS से उस टैक्सपेयर की TDS कटौती के साथ-साथ उसके टैक्स भुगतान और रिफंड जैसी जानकारी का पता चलता था। लेकिन अब संशोधित फॉर्म 26AS में टैक्सपेयर के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन से जुड़ा हर ब्योरा होगा। इसमें टैक्सपेयर्स के सभी बड़े फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के ब्योरे होंगे. इससे इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय वे अपने हर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को याद कर पाएंगे।