चीन के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिकी विमान शंघाई व ताइवान के नजदीक पहुंचे

0
703

अमेरिकी नौसेना के पी-8ए विमान शंघाई के पास उड़ रहे थे और युद्धपोत यूएसएस राफेल पेराल्टा भी विमान के संपर्क में था। पी-8ए विमान शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक आ गया था जो कि हाल के सालों में चीन की मुख्य भूमि के सबसे करीब आने वाला अमेरिकी विमान था

ताईपेई: अमेरिका और चीन के बीच पैदा तनाव रविवार एक बार तब और बढ़ गया जब अमेरिकी लड़ाकू विमान शंघाई के काफी करीब आ गए। बीते सप्ताह ही दोनों देशों ने एक-दूसरे के एक-एक वाणिज्य दूतावासों को बंद कराया है। चीन अमेरिका और अमेरिका के बीच कोरोना वायरस, ट्रेड वॉर और दक्षिण चीन सागर को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
अमेरिका और चीन के मध्य बढ़ते हुए तनाव के बीच अमेरिकी युद्धक विमान चीन की मुख्य भूमि तक पहुंच गए, जिनमें से एक शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक पहुंच गया। बीजिंग विश्वविद्यालय के एक थिंक टैंक के अनुसार रविवार को अमेरिकी युद्धक विमान पी-8 ए (पोसाइडन) और निगरानी विमान ईपी- 3ई ने ताइवान जलसंधि में प्रवेश किया और झेजियांग और फुजियान के तट के पास उड़ते नजर आए।
थिंक टैंक ने इस बाबत पहली बार रविवार को ट्वीट किया और बाद में कहा कि निगरानी विमान फुजियान और ताइवान जलसंधि के दक्षिणी भाग तक पहुंचने के बाद लौट रहा था। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक थिंक टैंक ने रात में पुनः ट्वीट किया कि अमेरिकी नौसेना के पी-8ए विमान शंघाई के पास उड़ रहे थे और युद्धपोत यूएसएस राफेल पेराल्टा भी विमान के संपर्क में था। थिंक टैंक के चार्ट के मुताबिक पी-8ए विमान शंघाई के 76.5 किलोमीटर तक आ गया था जो कि हाल के सालों में चीन की मुख्य भूमि के सबसे करीब आने वाला अमेरिकी विमान था।
थिंक टैंक के अनुसार लगातार यह 12वां दिन था जब अमेरिकी विमान मुख्य भूमि तक आए। दोनों देशों के मध्य राजनयिक स्तर पर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका द्वारा यह कदम उठाया गया है। चीन ने सोमवार को कहा कि उसने चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास बंद करने के बाद उसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। बीजिंग ने यह कदम ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्यिक दूतावास बंद करने के जवाब में उठाया।
सोमवार को संस्थान ने ट्वीट किया कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी वायुसेना का एक अन्य निगरानी विमान आरसी-135 डब्ल्यू ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुस गया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन दावों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।लेकिन दोपहर में संस्थान ने फिर ट्वीट किया कि ईपी-3ई विमान गुआंगडोंग तट से सौ किलोमीटर से भी कम दूरी से नजदीक से निगरानी कर रहा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here