पटना: हालात बिगड़े, PMCH के सात डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव, प्रमुख अस्पतालों में बेड फुल

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जिन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज शुरू हुआ है, वहां भी बेड फुल होने की सूचना मिलने लगी, इससे गंभीर मरीजों को रविवार को परेशानी झेलनी पड़ी. मरीजों की जान बचाने के लिए परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर काटते नजर आये

मरीजों की जान बचाने के लिए परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर काटते नजर आ रहे 

पटना : कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज करने वाले राजधानी पटना के सभी प्रमुख अस्पतालों में इस्तेमाल हो रहे बेड रविवार को फुल हो गये हैं। कोरोना ने एक और पुलिस वाले ने अस्पताल में दम तोड़ दिया़। रविवार को पीएमसीएच के सात डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं। 
बिहार में कई जगहों पर सामान्य कोरोना मरीजों के बेड तो हैं, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए बेड नहीं बचे हैं। कहीं अस्पताल की ओर से भले ही 100 बेड की घोषणा कर दी गयी लेकिन करीब 30 बेड ही मरीजों को भर्ती करने लायक बन पाये हैं। नतीजा यह हुआ कि अब उन्होंने दूसरे अस्पतालों में रेफर करना शुरू कर दिया। जिन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज शुरू हुआ है, वहां भी बेड फुल होने की सूचना है । इससे गंभीर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही। मरीजों की जान बचाने के लिए परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर काटते नजर आये।
पटना एम्स कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए राज्य का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल है। लेकिन यहां भी फिलहाल बेड मिलना किस्मत की बात मानी जा रही है। पटना एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डाॅ संजीव ने बताया कि हमारे यहां फिलहाल करीब 400 बेड कोविड के इलाज में इस्तेमाल हो रहे हैं, इस समय सभी फुल हैं। नये मरीजों को भर्ती करना मुश्किल है।
एनएमससीएच में पटना समेत पांच जिलों के कोविड 19 मरीजों को भर्ती किया जाता है। पटना के गंभीर मरीजों को ही यहां भर्ती किया जाता है। रविवार शाम तक यहां गंभीर मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाले इमरजेंसी के कुल 40 बेड, हाइ फलो आॅक्सीजन वाले 166 बेड फुल हो चुके थे। इसमें आइसीयू भी शामिल है। यहां फिलहाल कुल 447 बेड हैं जिसमें से सामान्य मरीजों के बेड ही खाली थे। यहां विभिन्न बेडो पर आॅक्सीजन पाइपलाइन लगाने का काम चल रहा है जिसके कारण भी सभी बेडो पर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता है। इसके मेडिकल अधीक्षक डाॅ बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि हमारे यहां गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी, हाइ फलो आॅक्सीजन और आइसीयू के बेड फुल हो चुके हैं। वे कहते हैं कि रविवार को पीएमसीएच से कई गंभीर मरीजों को रेफर कर हमारे यहां भेजा गया है।
टाउन थाना जहानाबाद में तैनात दारोगा ने संक्रमित होने की जांच रिपोर्ट के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया़। जिला औरंगाबाद निवासी इस दरोगा की 16 जुलाई को पॉजिटिव होने की जानकारी हुई थी। रिपोर्ट आते ही उनको मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल गया में भर्ती करा दिया गया था। शनिवार को उनकी तबियत बिगड़ी और मौत हो गयीपरिवार में पत्नी रीता के अलावा तीन पुत्री और दो पुत्र हैं। एक पुत्र जन्म से ही विकलांग है। बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा है कि गजेंद्र के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
रविवार को पीएमसीएच के सात डाॅक्टर कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं। ये डाॅक्टर विभिन्न विभागों के हैं. इसके साथ ही यहां के चार ड्रेसर भी संक्रमित मिले हैं. इसके साथ ही यहां से रविवार को कुल 34 कोरोना के केस पाये गयें. यहां कुल 327 टेस्ट किये गये जिसमें से 107 पाॅजिटिव मामले सामने आये हैं। पीएमसीएच से लगातार कोरोना पाॅजिटिव केस मिलने का सिलसिला जारी है। यहां के काफी डाॅक्टर और स्टाफ अब तक कोरोना पाॅजिटिव पाये जा चुके हैं। इस कारण यहां कामकाज पर भी असर पड़ा है। 

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