हम जहां भी रहते वहां सफाई अभियान और पौधारोपण जरूर करते ताकि आवोहवा ठीक रहे।
वसुन्धरा, गाजियाबाद की गीतांजलि सोसायटी के बाहर पौधारोपण अभियान में मेरे दौहित्र अथर्व, बेटी Twisha Roy और सोसायटी के अन्य सदस्य ग्रीन बेल्ट एरिया में आम, नीम, अमलतास के पेड़ लगाते हुए। ऐसे अभियान से आपका शहर भी सुंदर रहेगा।
गीतांजलि सोसायटी के सदस्यों की ओर से रविवार की सुबह सोसायटी मेन गेट के सामने हाईटेंशन लाइन के नीचे ग्रीन बेल्ट में आम, अमरूद समेत अनेक तरह के पौधे लगाए गए।
इस मौके पर राय तपन भारती, एडवोकेट दिनेश चौधरी और उनकी पत्नी शशि चौधरी, अशोक चौधरी, डा रवीन्द्र सिंह, डा नीतू सिंह, आर एस भारती, विनोद सिंह, अंसुल रस्तोगी, राहुल दुबे, सुनील शर्मा और उनकी पत्नी शशि शर्मा, कुलदीप गुप्ता, शशांक मिश्रा, त्विषा राय, श्रीमती आर एस भारती, डा नीतू सिंह के दोनों पुत्र आदि मौजूद थे
ये पौधे डा रवीन्द्र सिंह के अटलांटा अस्पताल और इंजीनियर लोकेश शर्मा की ओर से नि:शुल्क दिये गये। इस मौके पर गीतांजलि की महिला सदस्य भी मौजूद थीं। आज के पौधारोपन में अटलांटा अस्पताल और सोसायटी के दो माली और सोसायटी के गार्ड का भी सहयोग रहा।
अगले रविवार को सुबह 8 बजे से ही इसी ग्रीन बेल्ट में ही कचरों की सफाई और पौधारोपण होगा। आप सब एक एक पेड़ गोद ले सकते हैं।
पसीना टपकता रहा और सफाई मुहिम की गाड़ी चल पड़ी
राय तपन भारती/Vasundhara, Gzb
समाज सुधार या समाज सेवा कोई आसान काम नहीं। मेरे मूल पेशे पत्रकारिता से एकदम अलहदा। पत्रकार के नाते समाज के हर वर्ग से मिलना आसान रहा है।
फिर भी छह-सात पहले हमने सफाई मुहिम का सृजन कर इलाके में सफाई के प्रति जागरूकता पैदा करने की ठान ली। सौ फीसदी तो नहीं पर कुछ हद तक हम सब इलाके में लोगों को सफाई के प्रति चौकस करने में सफल रहे। मेरी ख्वाहिश है कि सफाई मुहिम का सिलसिला चलता रहे।
सफाई मुहिम हम सबने कब शुरू की इसकी सही तारीख याद नहीं पर इतना दावे से कह सकता हूँ कि नरेंद्र मोदी के पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले ही हमने गाजियाबाद शहर की वसुंधरा-वैशाली को बचाने के लिए यह मुहिम शुरू कर दी थी।
यह मुहिम आज भी जारी है। इसने वसुंधरा के निवासियों को एक दूसरे के निकट लाया और मुहिम के परिप्रेक्ष्य में कुछ न कुछ अभियान अब भी जारी है।
फिलहाल मैं निजी कारणों से कम समय दे रहा पर लक्ष्मीजी, बीसी लोहानी, अमित किशोर, केपी सिंह गुर्जर, एम एन झा जी, द्विवेदीजी, शशि भार्गव, अंजलि सूद, नीतिन त्यागी आदि निरंतर सक्रिय हैं। सफाई एक्सप्रेस के भाई गिरीश शर्मा, एचएस मारवाहा, अनिता नकरा, आभा दीदी (अभी अमेरिका में), उनके पुत्र मलय सौरभ, प्रमोद अस्थाना, नरेश जाट, सचिन गुप्ता और उनके पिता राजेन्द्र जी ने समय दिया। अब मुहिम को मैं समय कम दे रहा हूं पर मुझे खुशी है कि हमने लोगों में सफाई के प्रति मुहिम चलाकर जो जागरूकता पैदा की वह लगातार बरकरार है।
वसुंधरा-वैशाली में स्थानीय लोगों ने सफाई मुहिम संस्था बनाई है, जो कॉलोनी की इंटरनल सड़क व पार्कों को साफ-सुस्थरा बनाने के लिए काम कर रही है। इस संस्था से 200 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं, लेकिन 10-15 सदस्य हर सप्ताह 1 से 2 घंटे तक श्रमदान करते हैं। इसके योगदान से वसुंधरा सेक्टर-16, 17 ,18 और 19 की सड़कों की तस्वीर बदल गई है। सड़क पर जहां दूर-दूर तक गंदगी नहीं दिखती, वहीं पार्क भी साफ-सुथरे है।
आरडब्ल्यूए महासचिव व इस मुहिम के सदस्य बी. सी. लोहानी ने बताया कि कई साल पहले तक पूरे इलाके की इंटरनल सड़कें बदहाल थी। चारों ओर गंदगी का अंबार लगा रहता था। लेकिन साल 2013 में आरडब्ल्यूए व स्थानीय लोगों का ग्रुप बनाया गया। सदस्यों ने लगातार सफाई अभियान चलाकर इलाके की सूरत बदल दी। सफाई मुहिम के सदस्यों में बी. सी. लोहानी, सुरेंद्र भारद्वाज, एच. एस. मारवाह, दर्शन चमोली, एम. के. झा, नैनता, गिरीश शर्मा, राहुल प्रकाश, शशि, अंजलि सूद समेत कई लोग शामिल हैं।
ग्रीन बेल्ट पर पौधरोपण: सफाई मुहिम के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने ग्रीन बेल्ट को हरा-भरा कर दिया है। पांच साल में ग्रीन बेल्ट और पार्कों में करीब ढाई हजार पौधे लगाए गए। इसके अलावा संस्था की ओर से सीवर, गंदगी, लाइट जैसी समस्याओं प्रमुखता से उठाकर उनका समाधान कराया गया। संस्था लोगों को भी सफाई के लिए जागरूक कर रही है।