China supplies to Europe: चीन यूरोप को मालगाड़ियों से अपना उत्पाद भेजता रहा दुनिया को पता ही नहीं

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मीडिया के अनुसार अकेले मई महीने में ही चीन की मालवाहक ट्रेनों ने यूरोपीय देशों के एक हज़ार से ज़्यादा फेरे लगाए हैं। चीन से यूरोप तक का ये सफ़र क़रीब 12 हज़ार किलोमीटर लंबा है। मालगाड़ियों के ये फेरे इसलिए लगे कि चीन ने उत्पाद बनाया और यूरोप से डिमांड आने पर कोरोना संकट में भी माल का निर्यात किया।

राय तपन भारती/Editor, khabar-india.com website

जैसे भारत चीन की हर कमजोरी जानता है उसी तरह चीन भी भारत समेत बहुत सारे मुल्कों की कमजोरी जानता है। मैनुफैक्चरिंग में चीन को चुनौती 20 साल से हम देने की कोशिश कर रहे हैं पर हम एक कदम चलते हैं तो वह दो कदम आगे चला जाता है। लोकतंत्र में हर काम धीमी गति से जबकि कम्युनिस्ट देश में सब काम तेजी से।

मीडिया के अनुसार अकेले मई महीने में ही चीन की मालवाहक ट्रेनों ने यूरोपीय देशों के एक हज़ार से ज़्यादा फेरे लगाए हैं। चीन से यूरोप तक का ये सफ़र क़रीब 12 हज़ार किलोमीटर लंबा है। मालगाड़ियों के ये फेरे इसलिए लगे कि चीन ने उत्पाद बनाया और यूरोप से डिमांड आने पर कोरोना संकट में भी माल का निर्यात किया।

चीन की मालगाड़ियों के यूरोप के सफ़र पर दुनिया की मीडिया की शायद नज़र अबतक नहीं है। लेकिन, ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ यूरोप की जंग में चीन की ये कार्गो ट्रेनें लाइफ़लाइन बन गई हैं। ये रेलगाड़ियां जनवरी महीने से ही यूरोप की चीन से मेडिकल सामान की सप्लाई कर रही हैं. आप कहेंगे कि मुसीबत के वक़्त का साथी ही असली दोस्त होता है. ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी जैसी चीन की सरकारी मीडिया ने बड़े फ़ख़्र से एलान किया था कि चीन की ए-india.comक मालगाड़ी, पिछले मंगलवार को फ़्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गई। चीन की मीडिया ने ये घोषणा भी कर दी कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ युद्ध के लिए तमाम मेडिकल साज़-ओ-सामान लेकर ऐसी ही एक और ट्रेन जर्मनी के डुइसबर्ग और स्पेन की राजधानी मैड्रिड भी पहुंचने वाली है। बीबीसी के मुताबिक ये मालगाड़ियां चीन को वापसी के सफ़र में फ्रांस की वाइन, जर्मनी की मशीनें और स्पेन से ज़ैतून का तेल और पोर्क लेकर आएंगी. चीन की अंग्रेज़ी भाषा की मीडिया पर एक नज़र डालें, तो ऐसा लगता है कि चीन एक ख़ास मिशन पर है। वो यूरोप को हर वो संसाधन उपलब्ध कराने में जुटा है, जो यूरोपीय देशों को कोविड-19 की महामारी से निपटने में मददगार हों। पर हमने करता इस अवसर का लाभ उठाया? हमे सोलर एनर्जी, दवा के कच्चा माल, मैनुफैक्चरिंग में भी आत्मनिर्भर होना होगा। इसके लिए परिश्रम करना होगा।

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