कोरोना से भारत में पूरी दुनिया की तुलना में प्रति लाख आबादी में सबसे कम मौतें हुई हैं। 22 जून को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थिति रिपोर्ट 154 में कहा गया कि भारत में प्रति लाख आबादी में सबसे कम मौत के मामले सामने आए हैं
नई दिल्ली: कोरोना से भारत में मत डरिए जितना मीडिया डरा रहा। संक्रमण के रिकॉर्ड किए गए कुल मामलों में से केवल 7,423 (4.16 फीसदी) मरीजों को मंगलवार तक इलाज के दौरान वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी।
वहीं, इस दौरान 27,317 (करीब 15.34 फीसदी) कोविड-19 मरीजों को आईसीयू (गहन देखभाल केंद्र) और 28,301 (करीब 15.89 फीसदी) मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 16,922 मामले आने के साथ ही भारत में संक्रमितों की संख्या 4,73,105 हो गई है। 418 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 14,894 पर पहुंच गई है।
अधिकारी ने कहा कि 23 जून, शाम छह बजे तक मामलों की संचयी संख्या, कुछ इस प्रकार थी- आईसीयू: 27,317 (15.34 फीसदी), वेंटिलेटर: 7,423 (4.16 फीसदी) और ऑक्सीजन: 28,301 (15.89 फीसदी)। उन्होंने बताया कि 23 जून को संक्रमण के कुल सक्रिय मरीजों में से 2.57 फीसदी आईसीयू में थे, जबकि 22 जून को यह संख्या 2.53 फीसदी थी। वहीं, 23 जून को 0.54 फीसदी मरीज वेंटिलेटर पर थे। इसके अलावा इस दिन 2.99 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी, जबकि 22 जून को ऐसे मरीजों की संख्या 2.82 फीसदी थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 24 घंटे में 10,495 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। अभी तक देश में 2,58,684 मरीज कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। कोविड-19 से ठीक होने की दर भारत में 56.17 फीसदी हो गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना से भारत में पूरी दुनिया की तुलना में प्रति लाख आबादी में सबसे कम मौतें हुई हैं। 22 जून को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थिति रिपोर्ट 154 में कहा गया कि भारत में प्रति लाख आबादी में सबसे कम मौत के मामले सामने आए हैं। भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर मृत्यु का मामला 1.00 है, जबकि वैश्विक औसत 6.04 है, जो भारत के मुकाबले छह गुना से अधिक है।