चीन का नापाक इरादा: गलवान घाटी में खूनी संघर्ष, भारत के एक कर्नल और दो जवान शहीद

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इस हिंसक झड़प में चीन की तरफ के सैनिक भी मारे गए हैं पर चीन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं किया है। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि इस झड़प में फायरिंग नहीं हुई है। इस घटना पर चीन के सभी मीडिया मौन हैं।

राय तपन भारती, Editor, Khabar-india.com Website /नई दिल्ली

कुछ दिनों की शांति के बाद पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच फिर से तनाव चरम पर है। लद्दाख की गलवान घाटी में सेनाओं को पीछे करने की कवायद के बीच दोनों देशों की सेनाओं में झड़प की खबर है। सेना के मुताबिक, हिंसक संघर्ष में भारत ने एक कर्नल और दो जवान खो दिए हैं। इस हिंसक झड़प में चीन की तरफ के सैनिक भी मारे गए हैं पर चीन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं किया है। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि इस झड़प में फायरिंग नहीं हुई है। इस घटना पर चीन के सभी मीडिया मौन हैं।
सनद रहे कि भारत और चीन के बीच सरहद पर आखिरी गोलीबारी 70 के दशक में चली थी। पर गलवान घाटी में करीब 50 साल बाद यह सिलसिला टूट गया। गलवान घाटी उन संवेदनशील जगहों में शामिल है जहां चीन की सेना ने भारतीय जमीन पर घुसपैठ की थी। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद, चीनी सेना कुछ पॉइंट्स से वापस हटने लगी थी। मगर इस घटना के बाद, सीमा पर तनाव और बढ़ने की आशंका है।
सीमा पर मीडिया को जानी की इजाजत नहीं है इसलिए सही जानकारी निकालना मुश्किल काम है। हो सकता है कि भारत और चीन दोनों ओर से 24 घंटे का भीतर आधिकारिक बयान जारी हो। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की है।
 
भारतीय फौज के विरोध के बाद भी चीन के सैनिक गलवान घाटी से हटने को तैयार नहीं थे। भारतीय सैनिक चीनी जवानों को कल रात पीछे धकेल रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच खूनी झड़प हो गई। जिसमें भारत के तीन जवान शहीद हो गए हैं। कुछ टीवी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस हिंसक झड़प में चीन की तरफ के सैनिक भी मारे गए हैं पर इस झड़प में फायरिंग नहीं हुई है।
गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष। भारत के एक अधिकारी समेत तीन जवान शहीद। दोनों तरफ के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी तनाव कम करने के लिए स्थिति पर बैठक कर रहे हैं। गलवान वैली में 6 जून की मीटिंग के बाद सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी। 6 जून को कोर कमांडरों की बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ था कि सैनिक पीछे हटेंगे। उसके बाद गलवान वैली और हॉट स्पिंग एरिया में धीरे-धीरे चीनी सैनिक पीछे हट रहे थे।

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