आलस्य, चिंता, लापरवाही और शरीर की प्राकृतिक टूट-फूट जैसे अंदर के छुपे शत्रु भी नुकसान पहुंचाते हैं। पर , जब सोते समय हमारी चेतना रूपी राजा आराम करता है तो हमारा मस्तिष्क दिव्य कारीगरों की भांति शरीर की सारी टूट-फूट की मरम्मत कर देता है।
# अनामिका राजे # नई दिल्ली
# योग चर्चा # अनिद्रा/तनाव उपचार विशेषांक, भाग-1
# रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् ।
शयने यः स्मरेन्नित्यं दुःस्वप्नस्तस्य नश्यति ।।
मानव जीवन अमूल्य है और आज के समय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ गई है।
जीवन का हर सुख हम एक स्वस्थ शरीर के साथ ही ले सकते हैं और स्वस्थ शरीर के लिए भरपूर नींद ज़रूरी है।
इस संबंध में मैं आज आपको एक कहानी सुनाती हूँ।
एक राजा था , बड़ा कर्मठ वीर योद्धा!
जीवन के हर युद्ध को बड़े मनोयोग से लड़ता और जीतता! उसके पास एक दिव्य महल था जो दिन भर शत्रुओं के हमलों में जगह जगह से टूटता , पर उस दिव्य महल के दिव्य कारीगर रात को आते जब राजा थक कर सोता और रातोंरात महल की मरम्मत कर के चले जाते।
एक बार राजा अत्यधिक तनाव में होने के कारण कई रातों तक न सो कर युद्धों को जीतने और चक्रवर्ती बनने की तैयारी में लगा रहा।
महल के दिव्य कारीगर राजा को जागता देख कर नहीं आए।कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा और बाहरी तथा अंदर के शत्रुओं के हमलों में महल धराशायी हो गया , तथा राजा हार गया।
इस कहानी का राजा , हमारी चेतना या कहें मन है जो इस शरीर रूपी महल में रह कर दिन भर कठिनाइयों और रोगाणुओं के रूप में आए बाहर के शत्रुओं से लड़ता है।
आलस्य, चिंता, लापरवाही और शरीर की प्राकृतिक टूट-फूट जैसे अंदर के छुपे शत्रु भी नुकसान पहुंचाते हैं। पर , जब सोते समय हमारी चेतना रूपी राजा आराम करता है तो हमारा मस्तिष्क दिव्य कारीगरों की भांति शरीर की सारी टूट-फूट की मरम्मत कर देता है।
मानव शरीर दुनिया की सबसे बेहतरीन मशीन और रसायन फैक्ट्री है तथा हमारा दिमाग कल्पना से कहीं ज्यादा शक्तिशाली कंप्यूटर की तरह इस मशीन और रसायन फैक्ट्री को कुशलता के साथ चलाता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यकता सभी रसायनों का निर्माण एक स्वस्थ शरीर के अंदर कुशलता पूर्वक होता है, किंतु बेहतरीन से बेहतरीन मशीन भी काम कर के थकती है, गर्म होती है और नियमित रिपेयरिंग / मेंटेनेंस की मांग करती है।
नींद हमारे शरीर और दिमाग रूपी मशीन के मेंटेनेंस की कुंजी है।
जब आप सोने या /और सोते रहने में कठिनाई का अनुभव करते हैं! , तो आप इसके लिए अनिद्रा(insomnia) को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। यह एक नींद का विकार है ,सुबह जल्दी जागना, थकान, नींद पूरी न होना, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव आदि जैसे लक्षण इसकी विशेषता है।
अनिद्रा मूल रूप से अल्पकालिक और दीर्घकालिक दो श्रेणियों में आती है। पहली, तनाव, दर्दनाक घटनाओं, या आपकी नींद की आदतों में परिवर्तन जैसे कारकों के कारण होती है।
हालांकि, दीर्घकालिक अनिद्रा पीठ दर्द, गठिया, चिंता, नशे, अवसाद आदि स्थितियों के कारण होती है।
कुछ कारण जैसे अत्यधिक तनाव, निम्न-आय, गतिहीन जीवन शैली, काम की रात की शिफ्ट आदि आपके अनिद्रा से पीड़ित होने की संभावना बना सकते हैं।
इस समस्या के लिए उपचार उपलब्ध हैं। आप या तो डॉक्टरी सहायता का विकल्प चुन सकते हैं या प्राकृतिक उपचार के लिए जा सकते हैं।
आने वाली किश्तों में हम नींद को समझेंगे और अनिद्रा के भूत को भगाने में कुशलता हासिल करेंगे।
बड़ों ने कहा है कि समस्या यदि हल हो सकती है तो चिंता कैसी?
और यदि हल नहीं हो सकती तो चिंता कर के ही क्या होगा!
चिंता और चिता समान है अतः चिंता नहीं शुभ चिंतन करें ।
#रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् ।
शयने यः स्मरेन्नित्यं दुःस्वप्नस्तस्य नश्यति।।
अपने इष्ट का ध्यान करें और सुख की नींद लें ।
(मिलते हैं अगली किश्त में , तब तक के लिए अनामिका राजे का प्रणाम। हरि ऊँ।।)
इस स्टोरी के प्रकाशित होने पर फेसबुक पर आई टिप्पणियों में से कुछ यहां भी:
Ajay Sharma Baba Sanjay Sharma: सब सो जायेंगे तो जागते रहो कौन कहेगा और यूं ही सुबह सुबह कौन लिखेगा । मेरे विचार से ” जगे” हुए लोगों को सोने की बात ही नहीं करनी चाहिए। वैसे काल तो सिर्फ भूत है सुक्ष्म का भूत स्थूल का वर्तमान आप की बात एकदम सत्य है वर्तमान को पकड़ो उसी में जीओ और,,,,,,,,,,,, क्षमा प्रभू बस यूं ही ।
Abhinit Onam: अद्भुत लेखनी, योग में हर रोग का निदान है, हमें अपने समय का सदुपयोग करके इसे अपने जीवन में उतार कर हर बीमारी को दूर भगाया जा सकता है, सत प्रतिशत हो या न हो, मगर मन की शांति तो है। अच्छी जानकारी।
Amit Ranjan: नींद हमारे शरीर और दिमाग रूपी मशीन के मेंटेनेंस की कुंजी है। बहुत सही बात बताया आपने
Brajendra Mohan Mohan: सर्वैात्तम मनन एवं ग्रहण हेतु
Deorath Kumar: अच्छी नींद अच्छे सेहत का द्योतक है, अगली कड़ी का इंतजार है
Jyoti Maharaj: बहुत ही सुंदर जानकारी। सच में जब हम पूरी नींद लेकर उठते हैं तो अपने अंदर अत्यधिक ऊर्जा को महसूस करते हैं। बहुत ही सुंदर आलेख।
Priyanka Roy: उचित मार्गदर्शन
Pramod Bramhbhatt: काश आज के बच्चे समझ पाते। यह लेख उनके लिए ज्यादा उपयोगी है। बधाई।
Pramod Chandra Sharma: निद्रा व्यक्ति को रिचार्ज कर देती है आपका लेख बहुत सुंदर है
Rakesh Sharma: नींद बिना चैन कहां रे, निंद बिना चैन कहां रे/ बिना निंद पुरा हुए, कुछ नहीं अच्छा लगे।
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आपने बहुत ही अच्छा टापिक को चुना है,इस कोविड19संक्रमण काल में वैसे व्यस्त लोग जो अपने दैनिक दिनचर्या में व्यस्त होने के कारण अच्छी निंद लेते रहें हैं लेकिन इस समय वे निंद की परेशानियों में उलझे हुए हैं,उनकी निंद उनसे रुठ गई है, कैसे इस समस्या से निजात दिलाया जाय,इसपर पोस्ट को पढ़कर काफी लोग लाभान्वित होंगे। मेरे समझ से निंद नहीं आने का बहुत बड़ा फैक्टर यह मोबाइल और सोशल मीडिया भी है जो लोगों के निंदों को चुरा लिया है। धन्यवाद।
Ranjana Roy: बहुत अच्छी लेखनी और उपयुक्त जानकारी ।
Roy Tuhin Kumar: स्वस्थ रहने के लिए न्यूनतम आठ घंटों की नींद आवश्यक है।
Roy Tapan Bharati: नींद हमारे शरीर और दिमाग रूपी मशीन के मेंटेनेंस की कुंजी है। यह बहुत लोग जानते हैं पर इसके विपरीत उनकी जिंदगी है। काश, वे नींद का महत्व आज से समझने लगें।
Sanjay Sharma: संपूर्ण निंद्रा चाहिए, तो भूत और भविष्य से अपने को मुक्त कर ले, और वर्तमान में जम के मेहनत करें।
अपने को अपने और अपनों के सामने खरा सोना साबित करने के परधी से बाहर रखे और क्षमाशील रहे,
सोना को सोना की तरह ले, सोना अा जायेगा,
सम्पूर्ण सोना हैं, तो सम्पूर्ण जगिए,
बिना जागे, सम्पूर्ण सोना संभव ही नहीं, नामुमकिन है।
(Sleep well)
नमस्कार बहन जी, बहुत सुंदर तरीके से, अध्यात्म की भाषा में आपने सम्पूर्ण निंद्रा के विषय में समझाया।
आपकी कहानियां विषय से ऐसे जुड़ी हैं , जैसे विषय और कहनी एक दूसरे के लिए ही बनी हैं। लगता हैं आपने बस यू ही नहीं लिखा हैै, आपका उद्देश्य प्रालक्षित भी हैं।
Sangita Roy: निंद्रा पर बहुत बढ़िया लिखा है।पर्याप्त नींद हमारे दिमाग को दुरुस्त रखने का सर्वोत्तम खुराक है।अनिंद्रा अनेक बीमारियों को उत्पन्न
Sanjeev Ray: समय के अनुरूप। बहुत ही उपयोगी जानकारी। आज ऐसे बहुत सारे लोग है, जो पूरी तरह नींद न आने के कारण परेशान है। और यही वजह है, की ढेर सारे रोगों का हम न्योता देते हैं।
Sandeep Bhatt: आज के भौतिकवादी युग मे नींद न आने का बहुत बड़ा कारण यह फोनासुर भी हैं बार-बार फोन को देखने की प्रवृत्ति हमें उत्तेजित करती हैं सुबह उठने के बाद एवम सोने से पहले 2 घंटे तक अपने फोन को दूर रखने से लाभ जरूर प्राप्त होगा…क्योंकि अच्छे निंद्रा के लिए मन, दिल, दिमाग और शरीर का शांत होना अति आवश्यक हैं आपके लेख ने नींद का जो महत्व उल्लेख किया हैं काबिलेतारीफ हैं..