प्लाज्मा दिलाने के नाम पर ठगी, फोन आए तो सावधान हो जाएं

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अब तक माना जा रहा है कि कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीड़ित चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है। प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं।

मुंबई: कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में एंटीबॉडी की मौजूदगी वाला ब्लड प्लाज्मा लेने की ऑनलाइन कोशिश आपको चूना लगा सकती है। महाराष्ट्र पुलिस ने पहली बार खुलासा किया कि साइबर ठगों के कुछ गिरोह कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों का प्लाज्मा बेचने के ऑफर देकर मरीजों के परिवारों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों के खून के प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी से गंभीर मरीजों के इलाज को प्रायोगिक तौर पर अपनाया गया है। भारत में भी यह प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इससे मरीज पूरी तरह ठीक होते हैं या नहीं। लेकिन ठगों ने लोगों में इसे लेकर फैली भ्रांति का फायदा अपनी जेब भरने के लिए कर रहे है।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस के स्पेशल आईजी यशस्वी यादव ने बताया, “साइबर ठगों की तरफ से इसे चमत्कारी इलाज बताते हुए डार्क नेट के जरिये बहुत सारे ऑनलाइन विज्ञापन दिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी टीमें इसकी जांच कर रही हैं और उन्होंने ऐसे दावों के स्क्रीन शॉट भी हासिल कर लिए हैं। डार्कनेट पर मौजूद वेबसाइट्स इंटरनेट के दायरे में ही अनलिस्टेड और सीक्रेट नेटवर्कों पर चलती हैं। उन्होंने कहा, साइबर पुलिस ऐसी अवैध गतिविधियों की निगरानी के अलावा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट और गलत जानकारी फैलाने पर भी नजर रख रही है।
अब तक माना जा रहा है कि कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीड़ित चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है। प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं। इसके बाद उस वायरस से पीड़ित नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर इन एंटीबॉडीज के जरिए नए मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को खत्म किया जा सकता है। 
जब कोई वायरस किसी व्यक्ति पर हमला करता है तो उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज कहे जाने वाले प्रोटीन विकसित करती है। अगर वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के ब्लड में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित होता है तो वायरस की वजह से होने वाली बीमारियों से ठीक हो सकता है। 
कान्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी के पीछे आइडिया यह है कि इस तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब्लड प्लाज्मा थेरेपी के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति से बीमार व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर की जा सकती है। कान्वलेसन्ट प्लाज्मा का मतलब कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति से लिए गए ब्लड के एक अवयव से है। प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है। 

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