अगर हम यह सोचकर चलेंगे कि खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है तो कोई कारण नहीं कि वह दोबारा से अपने चंगुल में हम सबको जकड़ सके। यहां नीचे कुछ अहम बिंदुओं को हमें नहीं भूलना होगा।
विजय प्रकाश, Senior Journalist /नई दिल्ली
कोरोना वायरस की भयावह स्थिति से अभी यह नहीं कहा जा सकता कि अभी सब ठीक हो चुका है। भारत में पूरी दुनिया से स्थिति काफी संतोषजनक कही जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 2.0 की घोषणा करते समय कहा था कि २० अप्रैल के बाद परिस्थिति को देखते हुए कुछ शर्तों के साथ कतिपय क्षेत्रों में ढील दी जा सकती है।
आर्थिक पहलूओं को देखते हुए यह आवश्यक भी है लेकिन इस वायरस की फितरत को देखते हुए यह जरूरी है कि ढील मिलते ही हम सब पिंजरे में कैद पक्षी की तरह फड़फड़ा कर एकदम से उड़ने न लगें। अभी हमें अपने पंखों को वह स्वच्छंदता नहीं देनी है कि वह फिर उड़ने के तड़पने लिए। इसके लिए जरूरी है कि हम खुद संयम रखें और दूसरों को भी इसकी सलाह दे।
ऐसे में कुछ खास बातों का ध्यान ऱखा जाना जरूरी है जो ल़ॉक डाउन के समय हम अपनाते रहे हैं। अगर हम यह सोचकर चलेंगे कि खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है तो कोई कारण नहीं कि वह दोबारा से अपने चंगुल में हम सबको जकड़ सके। यहां नीचे कुछ अहम बिंदुओं को हमें नहीं भूलना होगा।
-सोशल डिस्टैन्सिग कायम रखें-
-हाथ मिलाने की कोशिश न कर हाथ जोड़ कर नमस्ते से काम चलायें
-अनावश्यक घर से बाहर न निकलें
-भीड़-भाड़ वाली जगहों और समारोहों पर जाने से बचें
-खानपान का ध्यान रखें-शाकाहार और इम्युनिटी बढ़ाने वाले भोजन पर जोर दें
-घर के बने खाने पर ही जोर दें
-मास्क लगाना फिलहाल जारी रखें, सैनिटाइजर के उपयोग को न भूलें
-फिलहाल यात्राएं टाल सकें तो बेहतर होगा
-खासकर विदेश यात्रा से परहेज करें
-जिन्हें खांसी, जुकाम हो उनसे दूरी बना कर रखें
पिछले करीब एक माह से ऊपर लिखी बातों के साथ सरकारी दिशा निर्देशों का पालन हम सब पालन करते आये हैं। इस दौरान यह अब तक हमारी आदत में शुमार हो गया होगा। बस इसी आदत को आगे भी जारी रखना है।