कोरोना महामारी के बाद आया ऊंट पहाड़ के नीचे

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कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की और मलेशिया ने भी मांगी प्रधानमंत्री मोदी से मदद

उदय चन्द्र सिंह/ नई दिल्ली 

भारत ने जब कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया तो मलेशिया और तुर्की दो ऐसे देश थे जिन्होंने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया। अब जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है तो इन देशों को भी भारत में उम्मीद नजर आ रही है।  इस उम्मीद की वजह है- एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ये दवा सुपरपावर अमेरिका से लेकर तीसरी दुनिया के देश ब्राजील तक ने भारत से मांगी। अब इस कड़ी में पाकिस्तान को अपना सच्चा दोस्त बताने वाले मुस्लिम बाहुल्य देश मलेशिया और तुर्की का नाम भी जुड़ गया है। 

मलेशिया ने बताया था कि मोदी सरकार मलेशिया को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई करने के लिए मान गई है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत सरकार से दवा के लिए अनुरोध करना मलेशिया और तुर्की के लिए शर्मसार करने वाला है।

भारत ने हाल ही में 13 देशों के लिए कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की. शुरुआत में भारत ने कहा था कि वह नेपाल, भूटान और बांग्लादेश को जरूरी ड्रग भेजेगा क्योंकि ये पड़ोसी देश दवाइयों के लिए पूरी तरह से भारत पर ही निर्भर हैं।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को कई प्रावधानों को निष्प्रभावी करने और नागरिकता कानून को लेकर मलेशिया और तुर्की ने तीखी आलोचना की थी। भारत की नीतियों की आलोचना में इन देशों ने पाकिस्तान का साथ दिया जिससे आपसी रिश्तों पर भी बुरा असर पड़ा। अब मलेशिया और तुर्की भारत सरकार से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने के लिए अनुरोध कर रहे हैं।

मलेशिया की सरकार ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की एक खेप मिलने की पुष्टि की है और उसने दूसरी खेप भेजने का भी अनुरोध किया है। इससे पहले, मलेशिया के एक मंत्री ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बताया था कि नरेंद्र मोदी सरकार मलेशिया को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई करने के लिए मान गई है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत सरकार से दवा के लिए अनुरोध करना मलेशिया और तुर्की के लिए शर्मसार करने वाला है।

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