अब तक दुनिया में 30% से ज्यादा ऐसे संक्रमित मिले हैं, सरकार इसको लेकर चिंतित
कोरोना फैलने से रोकने केलिए चेन ऑफ ट्रांसमिशन तोड़ने की गाइडलाइन तैयार है। राज्य सरकारें उसका पालन कर इसे रोकने में जुटी हैं। हाइपरटेंशन और डायबटीज से ग्रसित मरीजों का डेटा निकालकर उन्हें सावधानी बरतने को कहा जा रहा है।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कोरोनावायरस के फैल रहे संक्रमण को लेकर सनसनीखेज बयान दिया। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अपने देश में भी बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। सरकार के लिए यह चिंता की बात है। ऐसे मरीजों में पहले से कोई लक्षण नहीं दिखता। ऊपरी तौर पर वह स्वस्थ दिखते इसलिए इनसे संक्रमण के फैलने का ज्यादा खतरा रहता है। दुनियाभर में 30% से ज्यादा संक्रमित मिले हैं, जिनमें पहले से कोई लक्षण नहीं थे।
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, सरकार यह कोशिश काज रही है कि कैसे कोरोना के इलाज में लगे मेडिकल स्टाफ कोरोना से बचे रहें ताकि डाक्टर और मेडिकल स्टाफ सभी सुरक्शित रहें। इसके लिए उन्हें सही तरीके से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए मानव संसाधान विकास मंत्रालय ने एक ट्रेनिंग मॉड्यूल ‘दीक्षा’ लॉन्च किया है। इसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल, एनसीसी कैडेट, रेड क्रॉस सोसयाइटी और सभी प्रकार के वॉलिंटियर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेडिकल स्टाफ को एम्स की तरफ से भी ट्रेनिंग दी जा रही।
कोरोनावायरस ट्रांसमिशन का चेन तोड़ने की कोशिश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना फैलने से रोकने के लिए चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने के लिए एक गाइडलाइन तैयार की गई है। राज्य सरकारें उसका पालन कर इसे रोकने में जुटी हैं। हाइपरटेंशन और डायबटीज से ग्रसित मरीजों का डेटा निकालकर उन्हें सावधानी बरतने को कहा जा रहा है। केरल के पथानमथिट्टा में इस तकनीक का इस्तेमाल करके संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है। इसके लिए वॉर रूम और क्लस्टर्स बनाए जा रहे हैं। क्वारैंटाइन में रह रहे लोगों को मनोवैज्ञानिक सलाह दी जा रही। दरअसल, केरल में विदेश से लौटे कई लोगों पर ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने का आरोप है। ऐसे में केरल सरकार सभी को संदिग्ध मानकर उन पर नजर बनाए हुए है।
31 राज्यों में मजदूरों को आर्थिक मदद देने का दावा
गृह मंत्रालय की ओर से एस. श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया था कि वह श्रमिक कोष से 3.5 करोड़ मजदूरों की मदद करें। श्रमिक कोष में इसके लिए 81 हजार करोड़ रुपये मौजूद हैं। राज्य सरकारों ने हॉट स्पॉट वाले स्थानों में लॉकडाउन सख्त कर दिया है। ऐसी जगहों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है। एरिया मैपिंग के जरिए लगातार नजर रखी जा रही है। बैंकिंग, पोस्ट ऑफिस और अन्य जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थान नियमों के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं।
हाइड्रोक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर काफी सतर्कता
संयुक्त सचिव अग्रवाल ने बताया कि हाइड्रोक्लोरोक्वीन की कमी नहीं है और आगे भी कोई कमी नहीं होने देंगे। लेकिन, इसके इस्तेमाल पर हम काफी सतर्क हैं। उन लोगों को यह दवा दी जा रही है जिन्हें इसकी जरूरत है। रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह पर ही इसे दिया जा रहा है। इसलिए डॉक्टर के बिना हाइड्रोक्लोरोक्वीन न लें।