डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़े पैमाने पर धन मिलता है फिर भी वह चीन को लेकर पक्षपाती है
कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बरसा रहा है और एक देश दूसरे देश को मदद को लेकर नरह हो रहे। चीन से चले इस घातक वायरस से अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस जैसे देश बहुत परेशान हैं, वहां हजारों लोगों की मौत हुई। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर बड़े आरोप लगाते हुए फंडिंग रोकने की बात कही है। कोरोना से जंग के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर हमला किया और कहा- वह चीन पर देता है ध्यान।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़े पैमाने पर धन मिलता है। मैंने चीन के लिए यात्रा पर बैन लगाया तो WHO मुझसे असहमत था और उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) ने मेरी आलोचना की। वे बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे। ऐसा लग रहा है कि वे चीन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अत: अब हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे।’
ट्रंप ने मीडिया से बात कराते हुए कहा कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन पर बड़ी रोक लगाने जा रहा है। सनद रहे कि
संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण इकाई की फंडिग का बड़ा स्रोत अमेरिका है। अमेरिका पहले’ का नारा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च किए जाने वाले धन पर रोक लगाने जा रहे हैं।.’
हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया कि WHO के लिए खर्च होने वाले कितने फंड पर रोक लगाएंगे।
ट्रंप ने कहा: “मैं यह नहीं कह रहा कि मैं यह करने जा रहा हूं। .” उन्होंने कहा, ‘हम फंडिंग खत्म करने पर अब विचार करेंगे।‘ ट्रंप के मुताबिक डब्ल्यूएचओ “चीन की ओर बहुत पक्षपाती दिखता है।”
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले विमानों पर रोक लगाने का जिक्र करते हुए ट्रंप ने पूछा कि डब्ल्यूएचओ ने “इस तरह की दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की? ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। WHO पर अपनी इस टिप्पणी से पहले ट्रंप का भारत को लेकर दिया गया बयान भी विवादों के केंद्र में रहा।