सीने में दर्द, कफ, हड्डियों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से तुरत संपर्क करें 

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फोन पर संपर्क कर ही डाक्टर को दिखाने टैक्सी के बजाय अपनी कार से जाएं

नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी को लेकर आजकल अधिकतर के मन में घबराहट है। उनकी चिंता है कि कोरोनावायरस के सिंपटम्स को कैसे पहचानें? इस बीमारी में एक अजीब बात यह है कि कोरोनावायरस से पीड़ित 80-85% लोगों को सिर्फ हल्का सिंपटम्स ही आता है। इस वजह से बीमारी एहसास होने के पहले दर्जनों को अंजाने में कोरोनावायरस बाँट चुका रहता है। इस महामारी के इलाज से जूझ रहे डाक्टरों के मुताबिक यह पाया गया है कि लोगों को कोरोनावायरस के सिंपटम्स है, फिर भी वे टेस्ट नहीं करा रहे। वे तय नहीं कर पाते कि वह खुद को आइसोलेट करते हुए दूसरों को भी इस बीमारी से बचायें।

क्या हैं इसके सिंपटम्स ?

सांस लेने में दिक्कत।
सीने में लगातार दर्द या दबाव।
भ्रम या असमर्थता महसूस होने पर।
होंठ या चेहरा नीला होने पर।
कोई भी अन्य सिंपटम्स जो गंभीर हों या ध्यान देने वाले हों।
अभी जब बड़े पैमाने पर चारों तरफ कोरानावायरस फैला हुआ है तो यह संभव है कि हर किसी का टेस्ट न हो सके। सिर्फ उन्हीं लोगों का टेस्ट हो रहा है जो सीरियस सिंपटम्स के साथ इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में उन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है, जो रोज एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं।
 
डा. नीतू सिंह

अटलांटा अस्पताल, सेक्टर-14,  वसुंधरा, गाजियाबाद की सीनियर फिजिसियन डा. नीतू सिंह के मुताबिक एक व्यस्क व्यक्ति में कोविड-19 के सिंपटम्स होने पर उसे कफ, फीवर, सांस लेने में दिक्कत होती है। कुछ लोगों के गलों और हडि्डयों में भी दर्द होता है। यह एकदम फ्लू जैसे होता है। कुछ लोगों में गैस्ट्रोइनटेस्टिनल सिंपटम्स भी होते हैं। कुछ लोगों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कम हो जाती है। हॉस्पिटल और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग में बॉडी तापमान ही जांच का सबसे अहम हिस्सा है। यदि आपको कोल्ट और फ्लू के सिंपटम्स हैं तो अपने तापमान की तुरंत जांच कराएं। डा. नीतू सिंह ने बताया कि वह आजकल whatsapp video call से रोगियों को मेडिकल सलाह दे रही हैं इससे मेडिकल टीम औए रोगी दोनों को कोविड-19 के खतरे से बचाया जा रहा है।

 
टेस्ट के लिए Hospital जाने से पहले भी खुद से पूछें कि क्या यह सिंपटम्स पहले के वायरल जैसा है या नहीं? ज्यादातर केस में यह जवाब न ही होगा। बुर्जुग लोगों के लिए सांस संबंधी लक्षण चिंता का बड़ा कारण है। साथ-साथ अस्थमा, फेफड़े की बीमारी, निमोनिया, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, ड्रग थेरेपी से पीड़ित व्यक्ति के लिए भी यह गंभीर बीमारी है। उसके लिए भी खतरनाक है, जिसका हाल में कैंसर का इलाज किया गया है।
डा हरेन्द्र शर्मा अपने सरकारी असपलाल में

कोडरमा में सरकारी अस्पताल के हेड डा हरेन्द्र शर्मा का कहना है कि आज की तारीख में कोविड-19 बीमारी छोडकर आँय रोगों के लिए सरकारी हॉस्पिटल न जाएं। वहां अगर जाएं तो अनावश्यक तरीके से इधर-उधर न टहलें। अभी अस्पताल जाने पर कैंसर, किडनी, हार्ट की बीमारी के कारण जिनका इम्यून सिमटम कमजोर है उन्हें कोविड-19 बीमारी  की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। khabar-india.com के मुताबिक हर राज्य के सरकारी अस्पताल में केवल कोविड-19 रोगियों को ही देखने का आदेश है।

घर पर रोगी का कैसे ख्याल रखें?
दिल्ली में हमने पाया कि जिन्हें कोरोनावायरस का हल्का सिंपटम्स आ रहे हैं, उन्हें डॉक्टर अस्पताल में नहीं रखकर घर पर ही आइसोलेशन में रखते हैं। यदि आप में सभी सिंपटम्स पहले से हैं, लेकिन आपने टेस्ट नहीं कराया तो आपको इसे महसूस करते हुए जरूरी सावधानी बरतनी होंगी। हल्का सिंपटम्स होने पर आप उसी तरह एहतियात बरतें, जैसे फ्लू होने पर करते हैं। ऐसे लोगों को जरूरी मदद देनी चाहिए, उन्हें जूस, सूप और कफ और दर्द की दवाएं देनी चाहिए। साथ ही नियमित तौर पर तापमान भी चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति एक हफ्ते से बीमार है और कुछ खा-पी नहीं पा रहा है और बाथरूम भी नहीं जा पा रहा है, ऐसे वक्त में डॉक्टर को फोन कीजिए।
 

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