उड्डयन मंत्रालय के अनुसार किसी विमान से आए व्यक्ति को कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया जाता है तो उस विमान के क्रू के सदस्यों को 14 दिनों तक ड्यूटी से अलग रखना होगा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों का रो रोकर बुरा हाल है। वे परेशान हैं, तनाव मेंड़ हैं पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी पाबंदी के चलते तमाम भारतीयों ने सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई है। इनमें से कई ऐसे हैं जो किसी दूसरे से आकर किसी अन्य देश में फंस गए हैं। कुछ हनीमून मनाने विदेश गए थे तो कुछ अपनी कंपनी या व्यापार के सिलसिले में बाहर गए हुए है। अब वे मातृभूमि वापस आने के लिए तड़प रहे हैं।
हैदराबाद के रहने वाले पांच लोग लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। चीली में रहने वाले ये सभी भारतीय ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट से लंदन होते हुए भारत लौट रहे थे। लेकिन भारत में अंतरराष्ट्रीय विमानों के आने पर पाबंदी के चलते ये सभी लंदन में ही फंस गए हैं। ब्रिटेन में घुसने के लिए इनके पास वीजा नहीं है।
दुबई एयरपोर्ट पर भी पांच दिन से छह भारतीय फंसे हुए हैं। ये सभी यूरोप के देशों से आए हैं, लेकिन भारत में पाबंदियों के चलते ये वापस नहीं आ पाए हैं। इनमें तीन पंजाब के और राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश का एक-एक व्यक्ति है। दिल्ली के रहने वाली दीपक गुप्ता ने गल्फ न्यूज को बताया कि उन लोगों के एयरपोर्ट पर ही बेंच पर सोना पड़ रहा है और उन्हें यह भी नहीं पता कि कब तक उन्हें इस स्थिति में रहना पड़ेगा।
मलेशिया में भी सैकड़ों लोग एयरपोर्ट पर फंसे थे। लेकिन भारतीय उच्चायोग ने बताया कि एनजीओ और सामुदायिक संगठनों की मदद से इनमें से कुछ को हॉस्टल और कुछ को होटलों में रखा गया है। उच्चायोग ने इन सभी से स्थानीय प्रतिबंधों का पालन करने का अनुरोध किया है। इस बीच, केएलएम के एक विमान को विशेष केस मानते हुए नई दिल्ली एयरपोर्ट पर रविवार रात लैंड करने की अनुमति दी गई। इसे चार दिन पहले रास्ते से ही वापस कर दिया गया था। फ्रांस भारत में फंसे अपने देश के सैलानियों को विशेष विमान से वापस भेजेगा। बेंगलुरु स्थित फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि विशेष विमान से सैलानियों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से कहा कि विदेश में फंसे भारतीयों को लाने वाले विमानों के पायलट और क्रू के सदस्यों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने की जिम्मेदारी संबंधित एयरलाइन की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने उड्डयन मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा है कि अगर किसी विमान से आए व्यक्ति को कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया जाता है तो उस विमान के क्रू के सदस्यों को 14 दिनों तक अपने घरों में ही कम से कम दो हफ्ते तक अलग-थलग रहना होगा।