31 जनवरी तक चुन लें अपने TV चैनल्स नहीं तो…

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TRAI का नया नियम लागू, आपके टीवी देखने के बिल में बदलाव आएगा

यह नए नियम के लागू होने के बाद टीवी सब्सक्रिप्शन चार्ज भी बदल जायेंगे। टाटा स्काई, वीडियोकोन और डिश टीवी जैसे ऑपरेटर अब अलग दरें तय नही करेंगे। इन सभी ऑपरेटर की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी।

नई दिल्ली: एक फरवरी से देश में टीवी देखने के नियम बदल जाएंगे। इसके तहत, ग्राहक सिर्फ पसंदीदा टीवी चैनल देख सकेंगे और उन्हें सिर्फ उसी चैनल के पैसे देने होंगे। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉलिटी ऑफ इंडिया ने तैयारी कर ली है। हालांकि इससे पहले ब्रॉडकास्टर्स से नए नियम को 29 दिसंबर से ही लागू करने के लिए कहा था। लेकिन तब इसे लागू नहीं किया गया। ट्राई ने भारत के सभी डीटीएच और केबल ऑपरेटर्स को नए नियमों का पालन करने के लिए निर्देश दिए है।
यह नए नियम के लागू होने के बाद टीवी सब्सक्रिप्शन चार्ज भी बदल जायेंगे। टाटा स्काई, वीडियोकोन और डिश टीवी जैसे ऑपरेटर अब अलग दरें तय नही करेंगे। इन सभी ऑपरेटर की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी।
 
फिलहाल केबल का बिल करीब 100-400 रुपए महीने रूपये महीना वसूला जा रहा है। जिसमें कस्टमर्स रीजनल चैनल के साथ कुछ प्रीमियम चैनल भी देख पाते है। लेकिन नए नियमों के मुताबिक आने वाले महीनों में ये खर्च करीब 450 रूपये तक पहुंच सकता है जो कि अनुमानित कीमत है।
ग्राहकों को 31 जनवरी से पहले स्पेशल पैक सिलेक्ट करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कंपनी बेसिक पैक एक्टिवेट कर देगी। बेसिक पैक के लिए ग्राहकों को 130 रुपये के साथ जीएसटी देना होगा। 18 फीसदी जीएसटी जुड़ने पर इस पैक के लिए ग्राहकों को 150 रुपये देने होंगे, जिसमें आपको 100 फ्री चैनल दिखाए जाएंगे। ग्राहकों को अपना मनपसंद चैनल चुनने में मदद करने के लिए अब ट्राई भी एक ऐप्लिकेशन लेकर आया है।
 
(1) एक फरवरी से क्या नियम लागू होगा?: जो चैनल देखिए सिर्फ उसका ही पैसा दीजिए। सालों पहले डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) सर्विस अपनाने को प्रेरित करने के लिए दर्शकों से यह बात कही गई थी, लेकिन एंटरटेनमेंट, किड्स, नॉलेज, स्पोर्ट्स जैसे चैनल देखने के लिए पैक्स को चुनने के बाद उपभोक्ताओं के लिए यह पहले से महंगा साबित हो गया है। इसीलिए TRAI नया नियम लेकर आई है।
 
(2) हर महीने कितने पैसे खर्च करने होंगे?: ग्राहकों को हर महीने 100 चैनलों के लिए अधिकतम 130 रुपये और जीएसटी चुकाना होगा. इस तरह से महीने का खर्च 150 रुपये हो जाएगा। अगर आप 100 से अधिक चैनल देखते हैं तो अगले 25 चैनलों के लिए 20 रुपये अतिरक्त देने होंगे।
 
 
(3) पहले से ज्यादा पैसे तो नहीं चुकाने होंगे?: अब आपको कौन सा चैनल देखना है। यह सबकुछ आप पर निर्भर करेगा। TRAI ने कहा है कि BARC द्वारा दिए गए दर्शकों के पैटर्न के अनुसार 80 प्रतिशत उपभोक्ता या तो 40 या उससे कम चैनलों को देखते या खंगालते हैं। यदि कोई उपभोक्ता सावधानीपूर्वक अपने परिवार की पूरी आवश्यकता के लिए चैनल चुनता है तो उसे हर महीने मौजूदा कीमत से कम भुगतान करना होगा।
 
(4) क्या अभी भी ऑपरेटर्स पैकेज ऑफर करेंगे?: TRAI की ओर से साफ किया गया है कि नए सिस्टम का मूल विचार ग्राहकों को ‘चुनने का अधिकार’ देना है। अगर लोकल केबल ऑपरेटर्स और उपभोक्ता किसी पैक पर समहत हैं तो कोई समस्या नहीं है।
(5) मुफ्त में कौन से चैनल मिलेंगे?: TRAI ने सभी ऑपरेटर्स से कहा है कि ग्राहकों को फ्री टू एयर (FTA) चैनल पूरी तरह मुफ्त में दिखाने होंगे। इनके लिए उपभोक्ताओं से कोई पैसा चार्ज नहीं लिया जा सकता है। हालांकि, सभी FTA चैनल देना अनिवार्य नहीं है, यह उपभोक्ता पर निर्भर करता है कि वह किस-किस चैनल को चुनता है। दूरदर्शन के सभी चैनल दिखाना अनिवार्य है। 
 
(6) 130 रुपये में कौन से चैनल मिलेंगे?: 130 रुपये में आप पसंदीदा FTA चैनल्स चुन सकते हैं, लेकिन पे-चैनल्स के लिए आपको अतिरिक्त खर्च करना होगा। अगर आपको सिर्फ 100 फ्री टू एयर चैनल ही देखने हैं तो (130+20) 150 रुपये देने होंगे. 100 से ज्यादा यानी दूसरे 25 चैनल देखने के लिए 20 रुपये एक्स्ट्रा देने होंगे. साथ ही ट्राई ने इस बात की भी जानकारी दी है कि फ्री टू एयर 534 चैनल के लिए ग्राहकों को कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है. अधिक जानकारी जानने के लिए आप अपने केबल कनेक्शन के 999 चैनल पर जा सकते हैं।
 
(7) चैनल की लिस्ट से कहां से मिलेगी?: ट्राई के निर्देशों के मुताबिक, सभी डीटीएच कंपनियों ने ग्राहकों के लिए अपनी वेबसाइट पर प्राइस लिस्ट डाल दी है। आप अपनी डीटीएच कंपनी की वेबसाइट या ऐप पर जाकर भी कॉम्बो या अलग-अलग चैनल का चुन सकते हैं। ग्राहक ट्राई की वेबसाइट पर भी चैनल्स के नए प्राइस देख सकते हैं। ट्राई की वेबसाइट पर 342 चैनलों का प्राइस लिस्ट दी गई है।
 
(8) चैनल कैसे चुन सकता हूं?: सभी केबल और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा गया कि वे उपभोक्ताओं को वेबसाइट के जरिए चैनल चुनने और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं। वेबसाइट पर चैनलों की लिस्ट कीमत के साथ उपलब्ध होगी। इसके अलावा कॉल सेंटर के जरिए भी उपभोक्ता चैनल चुन पाएंगे।

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