नई दिल्ली: सरकार मौजूदा बजट में पेंशनर्स के लिए इनकम टैक्स से जुड़े फायदों का एलान कर सकती है। वित्त मंत्री जेटली मिडिल क्लास और पेंशनर्स को इनकम टैक्स से छूट देने के लिए टैक्स विभाग के साथ चर्चा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सरकार खर्चों के लिए अंतरिम बजट के जरिए व्यवस्था करेगी। आम चुनावों के समय में सरकार के अंतरिम बजट पेश करने की परंपरा पुरानी है। अंतरिम बजट 2019 पूरे साल के लिए नीति निर्धारण का काम नहीं करेगा लेकिन इसमें पूरे साल के लिए सरकार के खर्चों का प्लान समाहित होगा।
साल 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया था और इसके बाद आम चुनावों के बाद एनडीए की सरकार आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्णकालिक बजट पेश किया था। इस साल चूंकि अंतरिम बजट आ रहा है तो भी सरकार के पास मध्यम वर्ग यानी मिडिल क्लास के लिए कुछ योजनाएं हैं।
1. आयकर से जुड़े फायदेः इकनॉमिक टाइम्स की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस बजट में पेंशनर्स के लिए इनकम टैक्स से जुड़े फायदों का एलान कर सकती है। वित्त मंत्री जेटली मिडिल क्लास और पेंशनर्स को इनकम टैक्स से छूट देने के लिए टैक्स विभाग के साथ चर्चा कर रहे हैं। अगर इसको लेकर कुछ घोषणा की जाती है तो सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास जनसंख्या को ज्यादा पैसे बचाने में मदद मिल पाएगी।
2. हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूटः सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इस तरह से सरकार मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है।
3. बचत की सीमा में बढ़ोतरीः इसके अलावा सरकार बचत की सीमा बढ़ाने पर भी काम कर रही है और इससे सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को ही होगा। इसको लेकर चर्चा एडवांस लेवल पर चल रही है लेकिन अभी इसको लेकर निश्चित खबर नहीं आई है. बचत योजनाओं के जरिए सेविंग की सीमा में बढ़ोतरी के साथ इनकम टैक्स में फायदे और होम लोन के ब्याज पर ज्यादा छूट देकर सरकार साफ तौर पर मिडिल क्लास को कम अवधि में बड़े फायदे पहुंचाकर लोकसभा चुनाव की बिसात पर जीत हासिल करना चाहती है।
इन सब एजेंडा के अलावा रोजगार निर्माण, एमएसएमई के लिए इंसेंटिव, किसानों की कर्जमाफी जैसे कुछ और मुद्दे हैं जिनपर चर्चा हो सकती है। इस लोक सभा के कार्यकाल का ये बजट सत्र आखिरी बजट सत्र होगा। अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए ये आखिरी मौका है जब वो कुछ लोक-लुभावन फैसलों का एलान करके चुनाव में कुछ फायदा ले सकती है।