केन्द्र सरकार ने नई पेन्शन योजना में अपनी हिस्सेदारी दस प्रतिशत से बढाकर पंद्रह प्रतिशत कर दी है जिससे अगले बित बर्ष में केंद्रीय कोष पर 2,840 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा
नई दिल्ली: बढ़ती पेंशन देनदारियों और कठिनायों की वजह से केन्द्र सरकार में एक जनबरी 2014 के बाद भर्ती किये गए केन्द्रीय सरकार के कर्मचरियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की कोई योजना नहीं है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मन्त्री शिव प्रताप शुक्ल नें शिमला के सांसद वीरेन्द्र कश्यप को लोकसभा दी।
उन्होनें लोकसभा में एक प्रश्न के उतर में बताया कि केन्द्र सरकार की पेंशन बंद करने की भी कोई योजना नहीं है। उन्होनें बताया कि बर्ष 2017-18 के दौरान केन्द्र सरकार नें पेन्शन देनदारियों पर कुल 15,6641.29 करोड़ रूपए खर्च किये।
वित्त राज्य मन्त्री शुक्ल नें कश्यप को लोक सभा में बताया कि केन्द्र सरकार ने नई पेन्शन योजना में अपनी हिस्सेदारी दस प्रतिशत से बढाकर पंद्रह प्रतिशत कर दी है जिससे अगले बित बर्ष में केंद्रीय कोष पर 2,840 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उन्होंने बताया की 30 नवम्बर 2018 तक बिभिन्न बैंकों के माध्यम से 4,779 लाभार्थी फैमिली पेन्शन ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया की बिभिन्न राज्य सरकारों और अन्य संगठनों के माध्यम से पुरानी पेन्शन ब्यवस्था बहाल करने के अनेक आवेदन प्राप्त हुए हैं।