सफलता का सही मंत्र क्या है? (3री और आखिरी किश्त)
जरूरत है हमें उस प्रतिभा को अपने कौशल से निखारने की
रंजना राय/बंगलोर

एक बार की बात है Art of living में गुरुदेव रविशंकरजी के सत्संग में किसी ने पूछा कि गुरुदेव घर में बहुत अशांति रहती है इस कारण मैं अपना ध्यान अपने लक्ष्य की पूर्ति करने में नहीं लगा पाता हूं, इसका क्या उपाय है? गुरुजी ने उत्तर दिया कि जंगल में हर तरह के जानवर होतें है फिर भी महात्मा पुरुष अपना ध्यान केंद्रित कर लेतें है। कहने का मतलब जिंदगी फूलों की चादर नहीं है आपको कांटे भी मिलेंगे जिस पर आपको संभलकर चलना होगा।
यकीन मानिए, सकारात्मक सोच, चंद शब्द नहींं है, जिसे थोड़े से शब्दों में समझाया जा सके कि ये क्या है, इसका जीवन में महत्त्व क्या है? ये ज़िंदगी का एक अहम पहलू है अगर सभी लोग इसको अपने जीवन में अपना लें, तो जीवन में कितने भी उतार चढ़ाव आयें उससे निकले का रास्ता भी मिल ही जाता है। परिस्थितियाँ कितनी ही विपरीत क्यों न हो मंज़िल ख़ुद-बख़ुद मिल जाती है। बस ज़रूरत है जीवन में सकारात्मक सोच अपनाने की।
विपरीत परिस्थितियाँ सबकी ज़िंदगी में आती हैं, मेरी भी ज़िंदगी में आयी यक़ीनन आप सब की ज़िंदगी में भी कभी न कभी आयी होंगी। सोचकर देखिये ऐसे कितने लोग होंगे जो अपने आत्मविश्वास को सूखे रेत की तरह मुठ्ठी से फिसलने नहीं देते। हालात के आगे अपने घुट्ने नहीं टेकते। तो शायद सिर्फ चंद लोग ही होंगे जिन्होंने अपनी स्कारात्मक सोच से अपने आत्म विश्वास को खोने नहीं दिया बल्कि इसे अपनी ताकत बनाकर अपनी मंजिल को पाया है
स्वजनों लिखने को तो अंतहीन कहानियों का सिलसिला है लेकिन बस इतना कहूंगी कि …” हर कोई साधारण दिखता है लेकिन सब में एक असाधारण प्रतिभा होती है जरूरत है हमें उस प्रतिभा को अपने कौशल से निखारने की।”
