पाकिस्तानी अवाम ने आतंकी हाफिज को किया खारिज, एक भी सीट नहीं
60 सीटों पर बढ़त के साथ पीएमलएन दूसरे स्थान व 35 सीटों पर बढ़त के साथ भुट्टो-जरदारी की पीपीपी तीसरे स्थान पर
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बुधवार को संघ और प्रांतों के लिए मतदान हुए। बुधवार शाम को वोटों की गिनती शुरू हुई जो गुरुवार अल सुबह तक जारी है। आज सुबह तक के रुझान के मुताबिक क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बढ़त के साथ आगे चल रही है।
अभी तक आए रुझानों में PTI 122, PML(N) 60, PPP 35 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा 58 सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। कुल 272 सीटों में 267 सीटों के रुझान अबतक सामने आए हैं। PML(N) के शहबाज शरीफ, PPP के बिलावल भुट्टो, MMA के फजल उर रहमान, जमात ए इस्लामी के सिराज उल हक अपनी-अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं।
चुनाव में मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच माना जा रहा है। किसी भी दल को बहुमत न मिलने पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।
खुद पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान भी मियांवाली सीट से आगे चल रहे हैं। रावलपिंडी, लोधरान में पीटीआई और एनए-29 पर पीएमएल(एन) के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। समा टीवी के मुताबिक, बिलावल भुट्टो एनए-246 लायरी सीट पर आगे चल रहे हैं।
इस बीच नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन ने चुनाव नतीजों को मानने से इनकार कर दिया है। शहबाज शरीफ ने आधीरात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस चुनाव को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे खराब चुनाव बिलावल भुट्टो ने भी ट्वीट किया कि उन्हें आधी रात के बाद भी चुनाव के आधिकारिक नतीजे नहीं मिले हैं।
नतीजों में देरी को लेकर कई राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त सरदार रजा खान ने कहा कि तकनीकी कारणों की वजह से नतीजों में देरी हुई।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने पाकिस्तान की 265 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। रुझानों में एक भी सीट पर हाफिज सईद के उम्मीदवार बढ़त बनाते नहीं दिख रहे. हाफिज ने अल्लाह-ओ-अकबर (एएटी) के जरिए अपने उम्मीदवार उतारे थे।
पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए 137 सीटों की आवश्यकता है, ऐसे में रुझानों को देखें तो पाकिस्तान में त्रिशंकु एसेंबली बनने की संभावना बढ़ गई है। अब देखना ये होगा कि कौन सी पार्टी किंगमेकर बनकर उभरती है।