यूपी में पतली पॉलिथीन इस्तेमाल पर जेल और 1 लाख का जुर्माना

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पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध की कवायद वर्ष 2000 में शुरू हुई थी, लेकिन अलग-अलग कानूनों के चलते अब तक इस पर अमल नहीं हो सका था

लखनऊ: यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश के बाद कल रविवार से प्रदेश में 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन पर प्रतिबंध लग गया। आदेश में पॉलिथीन बनाने से लेकर बेचने व स्टोर करने पर प्रतिबंध है। साथ ही प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन के सभी तरह के कैरीबैग के इस्तेमाल पर अब जुर्माना लगेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 1 लाख रुपये तक जुर्माना या छह माह तक की सजा होगी। पहले दिन कितनों पर जुर्माना लगा सरकारी सूत्रोंद ने अभी नहीं बताया है.
इसके पहले राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2018 को मंजूरी दे दी। अध्यादेश के प्रभावी होने से रविवार से प्रदेश में 50 माइक्रॉन से कम मोटाई की पॉलीथिन प्रतिबंधित हो गई। अध्यादेश के तहत उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) अधिनियम, 2000 में संशोधन करते हुए उसके प्रावधानों को और कठोर व प्रभावी बनाया गया है। वर्ष 2000 के अधिनियम में इस अध्यादेश के जरिये किये गए संशोधनों द्वारा जैविक रूप से नष्ट नहीं होने वाले 50 माइक्रॉन से कम मोटाई के प्लास्टिक के थैले, पॉलीथिन, नायलोन, पीवीसी, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्ट्रीन व थर्मोकोल के प्रयोग तथा उनके पुनर्निर्माण, विक्रय, वितरण, पैकेजिंग, भंडारण, परिवहन, आयात और निर्यात आदि को भी चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधित व विनियमित करने का प्रावधान किया गया है।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से अपील कर पतली पॉलिथिन पर प्रतिबंध को कारगर बनाने की बात कही है। बीते 6 जुलाई को उन्होंने कहा था, ‘पर्यावरण की सुरक्षा और यूपी को प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के लिए हमें एक बड़ा अभियान चलाना होगा।’
प्रदेश में पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध की कवायद वर्ष 2000 में शुरू हुई थी, लेकिन अलग-अलग कानूनों के चलते अब तक इस पर अमल नहीं हो सका था। नगर विकास विभाग ने वर्ष 2000 में ‘उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा अधिनियम’ लागू किया था। इसके तहत 20 माइक्रॉन से कम की पॉलिथीन के उपयोग पर प्रतिबंध है।
पर शनिवार देर रात तक जिलों के पास पॉलिथिन प्रतिबंध पर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं पहुंची थी। ऐसे में विभागों और अधिकारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही कि बैन पर अमल किन निर्देशों के तहत हो। प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय ने प्रतिबंध की तारीख का ऐलान पहले ही कर दिया था। कोई सख्त कानून भले ही बाद में अमल में आए लेकिन 15 जुलाई से प्लास्टिक पर प्रतिबंध का आदेश लागू कर दिया गया है।
 

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