पत्रकार कल्पेश 5 दिन पहले एडीजी अजयकुमार शर्मा से मिलने आए थे। कल्पेश ने एक लिफाफा सौंपा था। उन्होंने बताया था कि भास्कर द्वारा नौकरी से हटाने पर महिला पत्रकार दोबारा नौकरी लगाने का उन पर बेवजह दबाव बना रही थी। वह उन्हें किसी भी केस में फंसाने की धमकी भी दे रही थी।
इंदौर: भास्कर समाचार पत्र के समूह संपादक कल्पेश याग्निक को एक महिला पत्रकार झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही थी। वह महिला भास्कर अखबार की पूर्व पत्रकार बताई जाती है। उन्होंने आत्महत्या से पांच दिन पूर्व एडीजी को इसकी लिखित सूचना दी थी। पुलिस के मुताबिक रविवार को परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
एडीजी अजयकुमार शर्मा ने शनिवार को बताया कि पत्रकार कल्पेश करीब 5 दिन पूर्व उनसे मिलने आए थे। उन्होंने एक लिफाफा सौंपा था। उन्होंने बताया था कि संस्थान द्वारा नौकरी से हटाने पर एक महिला पत्रकार दोबारा नौकरी लगाने का उन पर बेवजह दबाव बना रही थी। वह उन्हें किसी भी केस में फंसाने की धमकी भी दे रही थी। अगर वह उनके खिलाफ शिकायत करे तो एक बार उनका पक्ष जरूर सुना जाए। एडीजी ने यह पत्र डीआईजी को जांच के लिए भेज दिया था।
इस बाबत डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि कल्पेश ने कार्रवाई की मांग नहीं की थी, अत: एफआईआर दर्ज नहीं की गई। वे केवल आशंका पर सिर्फ सूचना दर्ज करवाने आए थे। उधर, डीआईजी ने परिवार को सूचित किया है कि कल्पेश के लैपटॉप, मोबाइल और आईपैड के साथ छेड़छाड़ नहीं करें। मामले की जांच एसपी जयंत राठौर को सौंप दी गई है।