दस साल से फ्लैट बॉयर्स को फ्लैट पर क्ब्जा नहीं दे रहे

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गार्डेनिया, गीतांजली, आम्रपाली, जेपी, अर्थ, शुभकामना, इंटेलसिटी, वेदांतम, जेकेजी, जेएनसी, कॉस्मिक, सिक्का, सुपरटेक आदि बिल्डर प्रोजेक्ट के लगभग एक लाख बॉयर्स बिल्डर से परेशान 
गौतमबुद्धनगर। नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के लाखों फ्लेट बॉयर्स की समस्याओं को लेकर नेफोमा के शिष्टमंडल शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्रा से मुलाकात कर दस साल से बॉयर्स को फ्लैट न देने का आरोप लगाया है। अवैध बसूली का बिल्डरों पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा. दर्जन से ज्यादा सोसाइटी के फ्लैट बॉयर्स के शिकायत पत्र भी सचिव को नेफोमा ने दिए। नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया दस साल से आज भी फ्लैट बॉयर्स सड़कों पर है और बिल्डर बॉयर्स के पैसों को दूसरी जगह ट्रांसफर कर न प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है, न बॉयर्स को संतुष्ट भरा जबाब दे रहे हैं, गार्डेनिया, गीतांजलि, आम्रपाली, जेपी, अर्थ, शुभकामना, इंटेलसिटी, वेदांतम, जेकेजी, जेएनसी, कॉस्मिक, सिक्का, सुपरटेक आदि बिल्डर प्रोजेक्ट के लगभग एक लाख बॉयर्स बिल्डर से परेशान हैं।
एक साल पहले लखनऊ में और अमेटी यूनिवर्सिटी में मीटिंग की थी, जिसमे मुख्यमंत्री योगी ने लाखों फ्लैट बॉयर्स की समस्याओं को गम्भीरता से समझते हुए तुरंत तीन मंत्रियों की समिति बना दी थी। उसके बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, एक्सप्रेसवे के लाखों फ्लीट ख़रीदारों ने खुशी जाहिर की थी। बॉयर्स को एक उम्मीद जगी थी कि जो फ्लेट बॉयर्स 8 साल से बिल्डर और प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे थे उनको घर नहीं मिल रहा था, लेकिन बार बार मुख्यमंत्री कहने के बाबजूद बिल्डरों और प्राधिकरण पर कोई असर नही हुआ बल्कि मंत्री समिति आती रही बार बार अधिकारियों और बिल्डरो से बन्द कमरे में मीटिंग करती रही, कभी फ्लेट बॉयर्स से नही पूछा की कितनी समस्या का समाधान निकाला, कितने फ्लेट मिले, मा० मुख्यमंत्री जी फ्लेट बॉयर्स ने अपने जीवन भर की कमाई एक अपने सपने के आशियाने के लिए बिल्डरों को कई वर्षों से दी हुई है
मुख्यमंत्री को भी प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा आपको ग़ुमराह कर साल के अंत तक 50 हजार फ्लेट देने की बात बुलवाई गई, जबकि 5 हजार फ्लेट भी अभी तक फ्लेट बॉयर्स को नहीं मिले है नेफोमा ने शहरी विकास मंत्रालय सचिव से निम्नलिखित मुद्दों पर अतिशीघ्र कार्यवाही करने के लिए कहा कि फ्लेट बॉयर्स की स्थिति को देखते हुए सरकार से आग्रह है कि फ्लेट बॉयर्स की प्राधिकरण में रजिस्ट्री के समय लगने वाली फीस को माफ़ किया जाए जिससे लंबे समय से इंतजार कर रहे फ्लेट बॉयर्स को कुछ तो राहत मिले क्योंकि बार बार सर्किल रेट बढ़ने स्टाम्प डयूटी में कॉफी बढ़ोत्तरी हुई है इस से पुराने बॉयर्स पर ही बोझ पड़ेगा व पुराने फ़्लैट आँनर्स से अतिरिक्त रुपयो / किसी भी तरह के ब्याज की मांग ना की जाये जैसे कि फ़ार्मेर कम्पन्सेसन, एस्क्लेशन चार्जेस, लेट पेमेन्ट चार्जेस, सीवर, मीटर, वाटर कनेक्शन चार्जेस आदि व प्राधिकरण अवैध रूप से अनुमति देकर बिल्डरों के द्वारा अवैध निर्माण करा रहा है। जिसको वर्तमान सरकार के द्वारा नियमित करने की कोशिश प्राधिकरण के अधिकारी कर रहे हैं। सरकार को गुमराह किया जा रहा है । नोएडा के 2008 सितंबर के बाद अलॉट हुए ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के भूखंड की जनसंख्या घनत्व की जांच की जाए । जनसंख्या घनत्व पर आवासीय यूनिट की संख्या की जांच की जाए । इस जांच में जो लोग जनसंख्या घनत्व पर लड़ रहे हैं उन को शामिल किया जाए नोएडा की प्रदूषण ट्रैफिक जाम एवं अन्य समस्याओं के लिए मास्टर प्लान 2031 में संशोधन करें व रेरा बिल सरकार ने लागू तो कर दिया लेकिन जो आदेश रेरा का आता है वह बिल्डर मानता नही, बिल्डर कहता है रेरा के ऑर्डर को हाईकोर्ट में चेलेंज करेगा, फिर रेरा कानून का अस्तित्व क्या रहा जब बॉयर्स ने हाईकोर्ट में ही जाना था, आपसे विनम्र निवेदन है कि एक कमेटी नोएड़ा में बनाकर प्राधिकरण मे पूरी तरह रेरा कानून को लागू कराया जाए तथा सभी को पालन करने के निर्देश दिए जाए और अगर कोई बिल्डर इसका पालन नही करता है तो प्राधिकरण उस बिल्डर पर सख्त कार्यवाही करे, रेरा को डिनोटिफाइड करके जो सेन्ट्रल सरकार ने रेरा बिल बनाया था वही लागू किया जाए जिससे पुराने खरीददारों को फायदा मिल सके व आठ साल से फ्लेट का इंतजार कर रहे फ्लेट बॉयर्स को बिल्डरों द्वारा कोई सुविधा नही दी गई बल्कि बॉयर्स से लेट किश्त होने पर 24% ब्याज तक बसूल किया गया, आज जब बिल्डर आठ साल फ्लेट लेट कर रहे है तो बॉयर्स को न ही अपने अग्रीमेंट के हिसाब से न ही रेरा के हिसाब से लेट पेनाल्टी नही देना चाहते है, बल्कि दो लाख से लेकर चार लाख तक अवैध रूप से बॉयर्स से पैसे की डिमांड कर रहे है व नोएड़ा और ग्रेटर नोएड़ा के प्लानिंग डिपार्टमेंट की जांच कराए, डिपार्टमेंट के पहले रहे अधिकारी और वर्तमान के अधिकारियों ने बिना जाँच के बिल्डरों के फायदे के लिए नक्शों को पास किया, एफएआर बढ़ाने की परमिशन दी, बिना जाँच के टीओसी, ओसी सर्टिफिकेट दिए जबकि प्रोजेक्टो में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध ही नही है, अधुरे प्रोजेक्टो को कैसे टीओसी दे रहे है अधिकारी, शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नही होती व मंत्री समिति के कहने के बाद पुलिस द्वारा सैकड़ों एफआईआर दर्ज तो कर ली गई लेकिन आज तक उन पर कोई कार्यवाही नही की , थाना एक्सप्रेस वे के एसएचओ के मुताबिक तो टुडे होम्स बिल्डर का मालिक एक साल से उनका ही फोन नहीं उठाया तो ऐसे में पुलिस द्वारा भी कोई फायदा नही हुआ बॉयर्स को फिर सवाल है चार्जशीट क्यों फाइल नही करती पुलिस बिल्डर के खिलाफ व नोएड़ा, ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट खराब व गिरने व उससे निवासियों को चोट लगने की शिकायत अक्सर आती रहती है उत्तर प्रदेश में लिफ्ट कानून बनाया जाए जिससे बिल्डर या लिफ्ट कम्पनी की जबाब देही बने ।मीटिंग में अमित गुप्ता, आसिम खान, मोहन चन्द्र अग्रवाल आदि सदस्यों ने भाग लिया

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