IDBI बैंक में केंद्र की 81% हिस्सेदारी है और वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि सरकार अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 % के नीचे लाने की कवायद करेगी। लेकिन बीते एक साल में IDBI बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए किसी भी निजी खिलाड़ी ने हाथ आगे नहीं बढ़ाया।
नई दिल्ली: IDBI बैंक का संकट घटने का नाम नही ले रहा है। इस साल मार्च महीने तक इस बैंक का कुल नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी एनपीए 27.95 फीसदी बढ़कर 55,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके एक साल पहले यह महज 21.25 % ही था. एनपीए के दबाव में ही वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही के दौरान IDBI बैंक ने 5,662.76 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाया था।
IDBI की इस स्थिति के चलते मई में केन्द्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहली बार किसी सरकारी बैंक की माली हालत सुधारने के लिए उसे प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) के लिए चुना। इस बैंक को अगले कुछ वर्षों में एक बड़ी रकम की जरूरत है जिससे वह अपने खराब कर्जों को पटाकर अपना लेखा-जोखा सुधार सके। यह रकम उसे किसी निजी खिलाड़ी को हिस्सेदारी बेचने पर नहीं मिल रही। ऐसी स्थिति में LIC से होने वाला 11 से 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश बैंक की स्थिति सुधारने के लिए बेहद अहम होगा।
वैसै केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018 में 10,610 करोड़ रुपये बैंक की हालत सुधारने के लिए खर्च किए। इसके बावजूद अभीतक IDBI की स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं हैं। इस बैंक में केंद्र सरकार की 81 फीसदी हिस्सेदारी है और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल संसद में बयान दिया था कि सरकार अपनी हिस्सेदारी को कम कर 50 फीसदी के नीचे ले जाने की कवायद करेगी। लेकिन बीते एक साल के दौरान IDBI बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए किसी निजी खिलाड़ी ने हाथ आगे नहीं बढ़ाया।
इसमें कओई दो राय नहीं कि केंद्र सरकार ने एक सरकारी बैंक को डूबने से बचाने के लिए यह फॉर्मूला निकाला। इस फॉर्मूले के तहत उसे अपने खजाने से बिना पैसा खर्च किए सरकारी बैंक को बचाना है। बहरहाल इस निवेश से 38 करोड़ जीवन बीमा पॉलिसी धारकों वाले LIC के पैसे पर खतरा मंडरा रहा है। इस जोखिम की वजह से जीवन बीमा निगम में जमा पैसा खतरे में आ जाएगा। इस बात का भय है कि LIC का IDBI बैंक में निवेश से LIC पर खतरे के साथ-साथ बीमा धारकों को पैसे लौटाने की उसकी क्षमता पर भी खतरा मंडराने लगेगा। LIC द्वारा IDBI बैंक में यह निवेश करने के विरोध में बैंक कर्मचारियों के संगठन ने हाल ही में कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर बताया था कि जिस तरह से देश के कई बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहे हैं ठीक उसी तरह LIC भी खराब निवेश की समस्या से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में यदि LIC पर IDBI बैंक को डूबने से बचाने की जिम्मेदारी लादी जाती है तो संभव है कि वह इस दबाव के तले खुद मुश्किलों से घिर जाए।