अब पासपोर्ट सेवा एप के जरिए कोई भी नागरिक कहीं से भी आवेदन कर सकता,मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं: सुषमा स्वराज, मंत्री
नई दिल्ली: पासपोर्ट सेवा दिवस पर कई पासपोर्ट सेवा केंद्रों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि, अब पासपोर्ट बनवाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विवाहित पुरुषों और महिलाओं ने शिकायत की थी पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट कार्यालय में उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट देना होता है, इसलिए पासपोर्ट के नियमों में बदलाव किया गया है। तलाकशुदा महिलाओं को नहीं भरना होगा अपने पूर्व पति का नाम।
सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि कुछ तलाकशुदा महिलाओं ने शिकायत की थी कि पासपोर्ट फॉर्म पर उनके पूर्व-पति का नाम भरने के लिए कहा जाता था। इतना ही जो बच्चा तलाक के बाद उसके पूर्व पति के पास है उसका नाम भी भरने के लिए कहा जाता था। इसलिए हमने अब नियम में बदलवा कर दिए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि अनाथालय के बच्चों के लिए वहां का मुखिया जो जन्मतिथि देंगे वही मान्य होगा। साधु संन्यासियों के मामले में उनके माता-पिता की जगह गुरुओं के नाम मान्य होंगे।
इसके अलावा तलाकशुदा पत्नी से उनके पूर्व पतियों के नाम भी अब पासपोर्ट के आवेदन पर नहीं पूछे जाएंगे। जन्मतिथि का वेरिफिकेशन हुआ आसाना सुषमा स्वाराज ने बताया कि, सबसे ज्यादा दिक्कत जन्मतिथि को लेकर आती थी। इसके लिए जन्म प्रमाणपत्र मांगा जाता था लेकिन, अब हमने जन्मतिथि के लिए 7-8 ऐसे कागजात को शामिल कर दिया है जो ये प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। पासपोर्ट बनवाने के लिए अब जन्म प्रमाण पत्र की बाध्यता को भी आसान किया गया है। अब जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो आप अपने आधार, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त कागजात भी पेश कर सकते हैं।