ईरान में ‘बुर्का’ पहनकर खेलने के नियम पर बवाल

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दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर ढककर रखने की पाबन्दी के कारण भारत की महिला शतरंज खिलाड़ी सौम्या स्वामीनाथन को ईरान में हो रही एशियाई टीम चैम्पियनशिप में भाग लेने से वंचित होना पड़ा

नई दिल्ली: भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर और पूर्व जूनियर गर्ल्स चैंपियन, सौम्या स्वामीनाथन ने 16 जुलाई से 4 अगस्त तक ईरान में होने वाली एशियन टीम चेस चैंपियनशिप से अपना नाम वापस ले लिया है। इसकी वजह ईरान का वह काननू है जिसके तहत सभी महिला खिलाड़ियों के लिए ‘बुर्का’ पहनना अनिवार्य है।
 
सौम्या ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट में कहा है कि बुर्का का नियम उनके निजी अधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए उन्होंने इस प्रतियोगित में न भाग लेने का फैसला किया है। सौम्या ने फेसबुक पर लिखा है, ‘ईरान का बुर्का का अनिवार्य कानून मेरे मूल मानवाधिकार, मेरे धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।’
सीनियर पत्रकार Qamar Waheed Naqvi लिखते हैैं, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर ढक कर रखने की पाबन्दी के कारण भारत की महिला शतरंज खिलाड़ी सौम्या स्वामीनाथन को ईरान में हो रही एशियाई टीम चैम्पियनशिप में भाग लेने से वंचित होना पड़ा.
ईरान में महिलाओं के लिए सिर ढकना अनिवार्य है. वैसे इस तरह की प्रथाएँ या पाबन्दियाँ तो सिरे से ही ग़लत और रूढ़िवादी हैं और किसी भी आधुनिक विकसित मानव समाज में ऐसी रूढ़ियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. लेकिन अगर मान भी लें कि कोई देश या वहाँ के लोग ऐसा करना सही ही मानते हों, तो वह अपने लिए उसे मानें, लेकिन ऐसी पाबन्दियाँ किसी अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता पर क्यों लगनी चाहिए, जहाँ दुनिया भर से खिलाड़ी आते हैं. और हर खिलाड़ी को सिर ढकने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए.
दरअसल, अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए जैसे दूसरे तमाम मानक तय हैं, वैसे ही पहनावे के लिए भी निश्चित अन्तरराष्ट्रीय मानक होने चाहिए और जो देश इन मानकों को न मानते हों, वहाँ ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन को स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए.
यह तो हो सकता है कि किसी देश या धर्म के किसी खिलाड़ी को उसकी संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए अपवाद के तौर पर पहनावे को लेकर कुछ रियायत दे दी जाय, लेकिन किसी खिलाड़ी पर किसी देश का पहनावा थोपना किसी तरह भी जायज़ नहीं है. सिर या चेहरा खुला रखना अंग-प्रदर्शन नहीं है.
इसके पहले 2016 में भारतीय निशानेबाज़ हिना सन्धू को भी इसी कारण ईरान में हुई एशियाई प्रतियोगिता से हटना पड़ा था

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