पिछले डेढ साल में सरकार ने दिल्ली में निजामुद्दीन पुल से गाजियाबाद शहर की सरहद तक 9 किलोमीटर की 14 लेन की हाईवे महज 850 करोड़ में बना लिये। इस दिल्ली-मेरठ हाईवे के निर्माण पर मेट्रो लाइन से चार गुना कम आया। देश को मेट्रो से अधिक हाईवे की जरूरत है।
Written by Roy Tapan Bharati, Editor, khabar-india.com
-प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जब वैश्विक मंदी आई तो अमेरिका ने अपने यहां बड़े पैमाने पर हाईवे का निर्माण किया जिससे वह देश मंदी के जाल से बाहर निकल आया। भारत को भी मौजूदा मंदी से बाहर लाने के लिए अगले पांच साल तक ढेर सारे हाईवे, पुल और रेल लाइनें बनाने की जरुरत है। अभी पिछले डेढ साल में सरकार ने दिल्ली में निजामुद्दीन पुल से गाजियाबाद शहर की सरहद तक 9 किलोमीटर की 14 लेन की हाईवे महज 850 करोड़ में बना लिये। इस दिल्ली-मेरठ हाईवे के निर्माण पर मेट्रो लाइन से चार गुना कम आया। देश को मेट्रो से अधिक हाईवे की जरूरत है।
एक तो हाईवे का निर्माण मेट्रो की अपेक्षा तेज गति से होता है दूसरा 14 लेन की सड़क पर लाखों गाड़ियां रोज दौड़ेंगी। इस हाईवे निर्माण का साढ़े 8 सौ करोड़ जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया वहां से वह राशि सीमेंट, सरिया, ईंट के सप्लायर से लेकर लेबर और क्रेन-जेसीबी व ट्रकों से निर्माण सामग्री की ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टरों तक गई। वहां से यह पैसे बाजार के अलग-अलग स्रोत तक पहुंचेे यानी मंदी दूर करने में कुछ तो मदद मिलेगी। ऐसे ही हजारों तरह के कंस्ट्रक्शन से भारत मंदी के दौर से बाहर निकल पाएगा।
इसके साथ ही हमे यह समझने की जरुरत है कि देश को मेट्रो लाइन या हाईवे की जरुरत है। मेरी समझ से देश को चौड़े हाईवे की अधिक जरुरत है जिसका निर्माण अपेक्षाकृत बहुत ही सस्ता है। निजामुद्दीन पुल से पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर के आगे गाजियाबाद तक जो दिल्ली-मेरठ हाईवे का जो 9 किलोमीटर खंड बना है उस पर साढ़े 8 सौ करोड़ से भी कम खर्च आया है। यानी 16 लेन के हाईवे पर प्रति किलोमीटर 100 करोड़ से भी कम खर्च आया। पर दिल्ली में मेट्रो के निर्माण पर प्रति किलोमीटर जबकि दिल्ली एनसीआर में मेट्रो के मौजूदा निर्माण पर 360 से 380 करोड़ रुपये प्रतिकिलोमीटर खर्च आ रहा है।
इस महंगे प्रोजेक्ट के कारण गाजियाबाद में वैशाली से मोहननगर तक और सेक्टर-62 नोएडा से साहिबाबाद गांव तक मेट्रो लाइन के विस्तार को फंड की कमी के कारण यूपी सरकार मंजूरी देने में देरी कर रही है। इन दोनों लाइनों के विस्तार में 11 किलोमीटर मेट्रो लाइन बनेगी जिस पर डीएमआरसी ने 3,711 करोड़ रुपये से अधिक खर्च का अनुमान लगाया है। हो सकता है कि बनते-बनते इसकी लागत 4,500 करोड़ पार कर जाए।
किसी भी देश की लाइफलाइन उसकी सड़कें होती हैं और आज प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी देश को दो बड़ी सौगातें दे रहे हैं। इनमें पहला दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे है, जिसका पीएम मोदी ने सुबह करीब 10.20 बजे उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी रोड शो के जरिये निजामुद्दीन-रिंग रोड जंक्शन से लेकर पटपड़गंज पुल तक के लगभग साढ़े छह किमी के हिस्से का मुआयना भी किया।