एसीबी ने जांच में पाया था कि तत्कालीन डीएसओ मीणा ने मार्च 2016 में 33 हजार परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था।
जोधपुर। राजस्थान में गेहूं घोटाले में फरार आरोपी निलंबित आईएएस अफसर निर्मला मीणा ने बुधवार को जोधपुर में एसीबी कार्यालय में सरेंडर कर दिया। दरअसल, गिरफ्तारी पर रोक के दौरान उसने जांच में सहयोग नहीं किया तो एसीबी ने उसकी प्रॉपर्टी खंगालनी शुरू कर दी। जिसमें करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ।
करोड़ों के गेहूं घोटाले में मुख्य आरोपी निर्मला मीणा एसीबी की गिरफ्तारी से बचने के लिए कई दिन से भूमिगत थी। निर्मला मीणा ने पहले राजस्थान हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल करने का प्रयास किया। यहां विफल रहने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राहत भरी उम्मीद के साथ याचिका दायर की, लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। मीणा के पास एसीबी के समक्ष सरेंडर करने के अलावा नहीं बचा था।
तत्कालीन डीएसओ निर्मला मीणा पर 35 हजार क्विंटल गेहूं के गबन के आरोप हैं। एसीबी ने अपनी जांच में पाया था कि तत्कालीन डीएसओ मीणा ने सिर्फ मार्च 2016 में 33 हजार परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को स्वयं की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था। नये परिवारों को ऑनलाइन नहीं किया गया। फिर मीणा ने आठ करोड़ रुपए का अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करवा लिया। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व स्वरूपसिंह राजपुरोहित की आटा मिल भिजवा दिया था। करोड़ों रुपए का गबन की जांच के बाद राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को निलम्बित कर दिया था।