दबाव का असर: जीएसटी में और भी बदलाव के लिए मोदी सरकार तैयार
राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने कहा, “GST में अब भी आमूल-चूल बदलाव की जरुरत है।” उन्होंने कहा कि बदलाव के लिए फिटमेंट कमेटी को गणना करने की जरुरत होगी, जो यह तय करेगा कि किस वस्तु की दर को तर्क संगत बनाने की जरूरत है।
राय तपन भारती/ नई दिल्ली
जीएसटी पर चौतरफा खिंचाई और गुजरात चुनाव के दबाव में केंद्र सरकार कुछ झुकती नजर आ रही है। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने आज रविवार को बड़ा बयान दिया, GST रेट में पूरी तरह बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, जीएसटी को लेकर शुरुआत में कुछ परेशानियां देखने को मिली थी। जीएसटी परिषद ने कई मुद्दों का समाधान निकाला भी है। जीएसटी परिषद इन प्रणाली में सर्वोच्च निर्णायक निकाय है।
अढिया ने कहा है कि जीएसटी रेट में पूरी तरह बदलाव की जरूरत है, ताकि छोटे और मध्यम उद्योगो पर भार कम हो। अढिया का ये बयान ऐसे वक्त आया है जब जीएसटी को लागू हुए चार महीने बीत चुके हैं और इसे लागू करने के तरीके पर देश में बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष जीएसटी को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है।
जीएसटी परिषद ने लघु और मझोले कारोबार को टैक्स का भुगतान करने और जीएसटी दाखिल करने को आसान बनाने के लिए इसके कई पहलुओं में हल्के बदलाव किए हैं। पर व्यापारी अभी संतुष्ट नहीं हैं।
अढिया ने कहा, “इसमें अब भी आमूल-चूल बदलाव की जरुरत है।” उन्होंने कहा कि बदलाव के लिए फिटमेंट कमेटी को गणना करने की जरुरत होगी, जो यह तय करेगा कि किस वस्तु की दर को तर्क संगत बनाने की जरूरत है। जीएसटी व्यवस्था पहली जुलाई से लागू की गयी। अढिया ने कहा कि समिति अपने सुझावों को जल्द ही जीएसटी परिषद के सामने रखेगी।