मछलियों के सहारे तृणमूल को पटखनी देगी भाजपा

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ममता की तृणमूल कांग्रेस को मात देने के लिए बीजेपी बंगाल की संस्कृति से जुडी बातों पर ध्यान दे रही है और बंग मानुष को अपनी तरफ खींचने के लिए तरह तरह के महोत्सव को बढ़ावा दे रही है। पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को गंभीर चुनौती देने के उद्देश्य से भाजपा  मछली, संगीत और खेल पर ज्यादा फोकस कर रही है। 

अखिलेश अखिल/ नई दिल्ली

पश्चिम बंगाल में बीजेपी की नजर टिक-सी गयी है। बीजेपी के रडार पर ममता बनर्जी है। बीजेपी अब किसी भी सूरत में बंगाल की राजनीति अपने हिस्से में करने को आतुर है। कांग्रेस और सीपीएम की राजनीतिक जमीन कमजोर होती देख बीजेपी को लगने लगा है कि वह ममता की राजनीति को चुनौती दे सकती है। बंगाल में राजनीति बदलने के साथ ही लोगो का मिजाज भी बदल गया है। इस बदलाव को बीजेपी अपने पक्ष में करना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी 2019  के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में होने वाले पंचायत चुनाव में अपनी जमीन को मजबूत करके ममता के मुकाबले में खड़ा होने को तैयार है।

ममता की तृणमूल कांग्रेस को मात देने के लिए बीजेपी ने बंगाल की संस्कृति से जुडी बातों पर खासा ध्यान दे रही है और बंग मानुष को अपनी तरफ खींचने के लिए तरह तरह के महोत्सव को बढ़ावा दे रही है। पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को गंभीर चुनौती देने के उद्देश्य से भाजपा  मछली, संगीत और खेल पर ज्यादा फोकस कर रही है। बता दें कि ये तीनो चीजें बंगाल में काफी लोकप्रिय है। भाजपा लोगों के बीच लोकप्रिय होने के लिए पूरे राज्य में मछली महोत्सव, एक संगीत महोत्सव और दो महीने तक चलने वाले खेल कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है।
वास्तव में भाजपा ने पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी है और वह फुटबॉल मैचों, क्रिकेट और कबड्डी टूर्नामेंटों का आयोजन कर रही है। भाजपा और संघ परिवार के साथ करीबी रूप से जुड़े कुछ भाजपाईयों ने एक मछली महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया है। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना कि  ‘‘बंगाल के लोगों को खेल और संगीत से प्रेम है। फुटबॉल से लेकर क्रिकेट तक और कबड्डी से लेकर कैरम तक इस राज्य के लोगों को खेल पसंद है। ऐसे में हमने पूरे राज्य में दो महीने तक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने का निर्णय लिया है।”
बंगाल बीजेपी इकाई ने केंद्र इकाई को बताया है कि अगर ममता परास्त करना है तो पंचायत चुनाव से ही उसकी घेराबंदी करनी होगी। केंद्र को इसकी जानकारी भी है। माना जा रहा है कि हर महोत्सव में केंद्र के कोई ना कोई नेता भी  शामिल होंगे और ममता की सरकार पर हमला करते रहेंगे। उधर ममता ने भी बीजेपी की इस राजनीति को समझकर उसका काउंटर  तैयारी कर रही है।

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