जम्मू-कश्मीर के अखबारों में छपी खबर के मुताबिक बस गलत समय पर गलत जगह पहुंच गई। जिस वक्त बस घटनास्थल के नजदीक पहुंची, वहां पहले से पुलिस-आंतकियों में मुठभेड़ चल रही थी। यह मुठभेड़ 10 मिनट तक चली।
उदय चंद्र सिंह,वरिष्ठ टीवी पत्रकार/ नई दिल्ली
अमरनाथ यात्रियों पर हमला क्या महज एक संयोग था ? क्या वाकई अमरनाथ यात्री किसी आंतकी हमले के शिकार नहीं हुए हैं? वह वाकई आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रियों को निशाना नहीं बनाना चाहते थे? यह पूरा हमला महज एक दुर्योग था ? कश्मीर की स्थानीय मीडिया की खोज बीन के बाद यही तथ्य निकलकर आ रहा है कि अगर अमरनाथ यात्रियों की बस खराब न हुई होती तो वो आतंकियों की फायरिंग से साफ बच गए होते।
दरअसल, 10 जुलाई को रात के लगभग 8. 15 बजे। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर फायरिंग की खबर आई। फायरिंग की खबर आते हीं देशभर की मीडिया के सामने यह साफ हो गया कि श्रीनगर के आसपास अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने जमकर गोलियां बरसाई। घटना में 7 यात्रियों की मौत हो गई. 19 यात्री घायल हुए. लेकिन इस खबर में अब नया ट्विस्ट आ गया है और यह ट्विस्ट दिया है लोकल अखबारों और वेबसाइट्स ने।
जम्मू-कश्मीर के अखबारों में छपी खबर के मुताबिक यात्रियों से भरी बस गलत समय पर गलत जगह पहुंच गई। जिस वक्त यात्रियों से भरी बस घटनास्थल के नजदीक पहुंची, वहां पहले से जम्मू-कश्मीर पुलिस और आंतकियों में मुठभेड़ चल रही थी। यह मुठभेड़ दस मिनट तक चलती रही।
सबसे पहले अनंतनाग से बटंगू के रास्ते में खानाबल की पुलिसी चौकी पर आतंकियों ने हमला किया। हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए लेकिन जवाबी फायरिंग के चलते आंतकी बटंगू की तरफ भागने पर मजबूर हो गए। इस फायरिंग के दौरान एनएच-1ए पर श्रीनगर की तरफ से आ रही बस, जम्मू जा रही था, बीच में आ गई। बस में सवार यात्री महाराष्ट्र और गुजरात के मूल निवासी थे और वह अपनी अमरनाथ यात्रा पूरी करने के बाद दो दिन तक श्रीनगर भी घूम चुके थे।