पटेलों का यह मंच अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती मनाने के लिए सजा था। मंच पर पटेल समाज के नेता तो थे ही गुजरात के कुर्मी पाटीदार किसान के युवा नेता हार्दिक पटेल भी मौजूद थे।
अखिलेश अखिल/इलाहाबाद
इलाहाबाद के सहसो चौराहा से पटेलों ने दुदुम्भी बजाई है। दुदुम्भी की यह आवाज कहा तक पहुँचती है इसे आंकने में अधिकतर राजनीतिक गणित भिड़ा रहे हैं। पटेलों का यह मंच अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती मनाने के लिए सजा था। मंच पर पटेल समाज के नेता तो थे ही गुजरात के कुर्मी पाटीदार किसान के युवा नेता हार्दिक पटेल भी मौजूद थे। सबकी निगाहें हार्दिक की तरफ लगी थी।
इस मंच से कुर्मी समाज के उत्पीड़न और हिस्सेदारी की मांग प्रमुखता से उठाई गई। हार्दिक पटेल ने कहा कि जैसे सरदार बल्लभ भाई पटेल ने गांधीजी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिय़ा था उसी तरह प्रदेश सहित पूरे देश से आरएसएस और बीजेपी के खात्मे से ही डॉ. सोनेलाल पटेल के सपनों को पूरा किया जा सकता है।
हार्दिक ने कहा कि डॉ. सोनेलाल पटेल कुर्मी और किसानों के हित की बात करते थे लेकिन ये बीजेपी सरकार मध्य प्रदेश में पाटीदारों पर गोली चलवा रही है। कुर्मी और पटेलों का वोट लेकर उनको हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है। ये सब डॉ. सोनेलाल पटेल के सपनों की हत्या करना ही है। डॉ. सोनेलाल पटेल जिन संघर्षों के साथ जिए जिस बीजेपी ने उनके ऊपर लाठीचार्ज करवाया, डॉ. साहब के नाम पर राजनीति करने वाले वही लोग आज बीजेपी की गोद में बैठकर डॉ. साहब के सपनों की हत्या कर रहे हैं। हार्दिक ने युवाओं से कहा कि अब मैं यूपी में आता रहूंगा आप लोग मेरा साथ दो तो कुर्मी समाज का उत्पीड़न करने वाली इस सरकार को उखाड़ फेकेंगे। वैसे भी मोदी-शाह की जोड़ी वाली बीजेपी में हक मांगने से नहीं छीनने से मिलता है।
हार्दिक पटेल ने किसानों का पूरा कर्जा माफ करने और किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग के गठन की मांग की है। उन्होंने बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की भी मांग की है। हार्दिक पटेल ने एक जुलाई से पूरे देश में लागू की गई नई कर प्रणाली जीएसटी की आलोचना की है। उन्होंने जीएसटी को व्यापारियों को चोर साबित करने और लूटने के लिए उठाया गया कदम बताया है. इसके साथ ही गुजरात में होने वाले आगामी विधान चुनावों को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा है कि बेशक वे अपने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. लेकिन गुजरात से तानाशाही वाली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जरुर कार्य करेंगे।
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने इस मौके पर कहा कि अब शांत बैठने का समय नहीं है। ये समय कुछ कर गुजरने का है। सरकार निजीकरण के माध्यम से आरक्षण खत्म करने का कुचक्र रच रही है। मेडीकल से लेकर इंजीनियरिंग संस्थानों में आरक्षण पर हमला बोला जा रहा है। रोजगार देने के वायदे करने वाली बीजेपी सरकार में रोजगार मिलने के बजाए छीने जा रहे हैं। इस धोखाधड़ी के खिलाफ अपना दल पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगा। अपना दल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी सिंह पटेल ने कहा कि मौजूदा केन्द्र और राज्य सरकार कुर्मियों और किसानों की घोर विरोधी है। प्रदेश में जब से योगी सरकार बनी है तबसे कुर्मी-किसान-पटेल समेत दलित और पिछड़ी जातियों का उत्पीड़न बढ़ गया है। नोटबंदी के बेतुके फैसले से बर्बाद हुए किसानों पर जीएसटी की मार और डाल दी है। सरकार लगातार कहती रही कि खेती किसानी को नहीं छेड़ा जाएगा लेकिन खेती-किसानी के सामान में जीएसटी लगाकर बीजेपी किसानों की कब्र खोद रही है जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान कुर्मी-पटे-पाटीदारों जैसे खेतिहर जातियों का ही है।