सपिरवार राजस्थान दौरे पर गए अजीत जोगी ने कहा कि छह बार उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया जा चुका है और कोर्ट से बहाल भी हुआ है।
प्रमोद ब्रह्मभट्ट, वरिष्ठ पत्रकार/रायपुर
छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक अजीत प्रमोद जोगी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त होने के बाद मरवाही विधानसभा के मतदाताओं को विश्वास है कि अभी जोगी जी दिल्ली में हैं और वे अपनी जाति निरस्ती पर कोई राहत लेकर ही आएंगे। इसके साथ ही उनका कहना है कि यदि फिर जोगी परिवार यहां से खड़ा होता है तो उसे अच्छा प्रतिसाद मिलेगा।
दूरभाष पर मरवाही ग्राम के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तथा श्री जोगी के पूर्व सहयोगी लखन गुप्ता पूर्व सरपंच ने कहा कि श्री जोगी की जाति निरस्तीकरण की कोई चर्चा नहीं है। यह ग्रामीण क्षेत्र है यहां लोग जोगी जी को जानते हैं। वे वर्तमान में दिल्ली में हैं और इस समस्या का कोई न कोई तोड़ जरूर निकाल कर पहुंचेंगे। इस घटना का उनके राजनैतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा पर उनका कहना था कि कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्षेत्र में जोगी परिवार का अच्छा वर्चस्व है उनका परिवार अगर खड़ा होता है तो उन्हें पूर्व की भांति जनसमर्थन मिलेगा।
इस मुद्दे पर मरवाही जोगी कांग्रेस के सदस्य अजय चौबे ने कहा कि मरवाही का बच्चा बच्चा जानता है कि जोगी जी आदिवासी नहीं है तो क्या फर्क पड़ता है। यह ऊपर के लोगों का मामला है। क्षेत्र की जनता को सशक्त नेतृत्व चाहिए जो जोगी जी देते हैं। अगर जोगी परिवार नहीं खड़ा होगा तो फिर लोगों की दूसरों को चुनना मजबूरी होगी अन्यथा मतदाता उनके पक्ष में ही रहेगा। सौ कमजोर से दोस्ती करने से अच्छा है एक शेर से दोस्ती करना।
छह बार जाति प्रमाणपत्र निरस्त हुआ और बहाल भीःजोगी
सपिरवार राजस्थान दौर पर पहुंचे श्री जोगी ने वहां कहा है कि उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त होगा, हाईपॉवर कमेटी का फैसला आने के बाद यह तो तय ही था। जोगी ने कहा कि इसके पहले छह बार उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया जा चुका है और कोर्ट से बहाल भी हुआ है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप सिंह भूरिया ने सबसे पहले उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया था, जो कि हाईकोर्ट से बहाल हो गया था।
जोगी ने कहा कि ऐसे पांच बार और जाति को चुनौती देकर प्रमाणपत्र निरस्त कराए गए। तीन बार हाईकोर्ट और दो बार सुप्रीम कोर्ट ने बहाल किया। जोगी ने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं, मुझे आदिवासी अमान्य करने का फैसला रमन पॉवर कमेटी का है। जोगी का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। इसलिए, याचिका लगाकर हाईपॉवर कमेटी के फैसले को चुनौती देंगे। जोगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से सलाह लेंगे, उसके बाद हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जाएगी।