मौसम और सड़क की हालत सुधरने पर भारत से आ रहे मानसरोवर यात्रियों को चीन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यात्री शुक्रवार को गंगटोक लौट आये। 47 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 15 जून को गंगटोक पहुंचा था।
संवाददाता/नई दिल्ली-गंगटोक
चीन ने अचानक मानसरोवर की यात्रा रोक दी है जिससे करीब ५० यात्री रास्ते में अटक गए हैं। लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण चीन की ओर की सड़कें बह जाने के बाद वहां के स्थानीय प्रशासन ने इस यात्रा पर रोक लगा दी है।
सिक्किम के नाथू-ला पास पहुंचे मानसरोवर यात्रा के दो जत्थों को चीन की सरहद से वापस लौटा दिये जाने की खबर से दिल्ली में ठहरे हुए तीसरे जत्थे के यात्रियों की चिंता बढ़ गयी है। जानकारी के अनुसार चीन ने भारत के करीब 50 तीर्थयात्रियों को आगे बढने से रोक दिया, जो नाथू-ला र्दा होते हुए कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले थे। इसके बाद भारत ने इस मुद्दे को बीजिंग के समक्ष उठाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि नाथू-ला के रास्ते तीर्थयात्रियों की आवाजाही में कुछ कठिनाइयां आ रहीं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘ ‘हां, नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों के जाने में कुछ कठिनाइयां आ रहीं हैं।
इस बारे में चीनी पक्ष से बातचीत चल रही है।” यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सीपीईसी और भारत की एनएसजी की सदस्यता के प्रयास समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है. लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण चीन की ओर की सड़कें बह जाने के बाद 47 तीर्थयात्रियों और एक अधिकारी को रोक दिया गया।
भारतीय तीर्थयात्रियों को बताया गया कि उन्हें मौसम और सड़क की हालत सुधरने पर चीन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यात्री शुक्रवार को गंगटोक लौट आये। 47 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 15 जून को गंगटोक पहुंचा था।