एक दिन मरने से पहले मेरे पिता की कही बात याद आयी कि “लिखना मत छोड़ना” (मैं पहले पत्रकार थी। उसे छोड़कर NSD आयी थी।) तब मैंने लिखना शुरू किया। अभी मैं कई पत्र-पत्रिकाओं में स्थायी स्तम्भ से लेकर लगातार लेखन कर रही हूँ और मेडिटेशन शुरू किया। : असिमा भट्ट
Written by असीमा भट्ट, Mumbai
मुम्बई में एक हफ्ते में दो अभिनेत्री/मॉडल की आत्महत्या की ख़बर है। एक कृतिका चौधरी (मॉडल) और दूसरी अंजलि श्रीवास्तव (भोजपुरी अभिनेत्री)।
एक दौर आया था जब मुझे भी काम नहीं मिल रहा था जबकि मैं NSD ग्रेजुएट हूँ और FTII से फ़िल्म एप्रिसीयेशन कोर्स किया है। कई फिल्मों में कास्टिंग के बाद भी काम नहीं कराया गया। कुछ फ़िल्में चली नहीं। कुछ फ़िल्म बन गयी, रिलीज़ नहीं हुई। कुछ आधा बन के रुकी पड़ी है। पिता गुज़र गए। बहुत डिप्रेशन में थी। बार-बार आत्महत्या का ख्याल आता रहा।
जो भी मेरे जानने वाले अच्छे कास्टिंग डायरेक्टर थे Honey Trehan, Imran Siddiqui, मुकेश छाबड़ा- इन सबसे काम मांगती रही। पर कहीं कुछ नहीं हुआ।
एक दिन मरने से पहले मेरे पिता की कही बात याद आयी कि “लिखना मत छोड़ना” (मैं पहले पत्रकार थी। उसे छोड़कर NSD- National School of Drama आयी थी।) तब मैंने लिखना शुरू किया। अभी मैं कई पत्र-पत्रिकाओं में स्थायी स्तम्भ से लेकर लगातार लेखन कर रही हूँ और मेडिटेशन शुरू किया।
इसके अलावा जब अपनी पसंद का एक्टिंग का काम आता है, तो वह भी करती हूँ। वरना थियेटर करती हूँ। एक चमत्कार और बता दूं कि मैं आये दिन अपना पर्स, मोबाइल या रोज़मर्रा के काम भूल जाती हूँ लेकिन चार एकल नाटक करती हूँ और उनके संवाद मुझे याद रहते हैं।
अभिनेत्री/मॉडल अपने काम को लेकर बहुत क्रेज़ी या डेस्परेट होती हैं. जब काम नहीं मिलता, डिप्रेशन में चली जाती हैं और बाद में अंजाम आत्महत्या तक पंहुच जाता है. अगर एक काम नहीं मिल रहा तो कोई बात नहीं. अपने अंदर छुपी किसी दूसरी प्रतिमा को पहचानो. ख़ुद को एक्स्प्लोर करो. डिस्कवर करो.
काम करने वालों के लिए दुनिया बहुत छोटी पड़ जाती है. बस चारों तरफ़ एक बार नज़र दौड़ाने की ज़रूरत है.(
लेखिका Asima Bhatt नवादा (बिहार) की मूल निवासी हैं, वह आज ही ग्रुप की मेंबर बनीं। वह पहले पत्रकार, फिर मुंबई में अभिनेत्री बनीं)
Comments by members of BBW group:
Rupesh Kumar, Mumbai: आपकी पूरी लेख प्रेरणादायक हैं, परंतु आखिरी की पंक्ति सारी बातों का सार हैं-काम करने वालो के लिए दुनिया बहुत बड़ी हैं।
Manoj Sharma: बहुत बढ़िया , फ़िल्मों में काम मिलना काफी कठिन होता है पर अगर लगे रहे तो सफलता निश्चित है, अच्छा है आप रंगमंच से जुडी हुई है।
Dharmendra Anand: आप में उत्साह है ऊर्जा है,आप आगे बढे,सुभकामना
Dilipkumar Pankaj: प्रेरक ….. नई ऊर्जा मिली
Pramod Bramhbhatt, raipur: स्वागत, असीमा आपका।
Sunil Sharma: मन के हारे हार है मन के जीते जीत ।
Sanjay Bhatt: संजय सर समाज के ऐसे ऐसे शख्स को खोजकर ला रहे जो काबिले तारीफ है। इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद…
Roy Manoranjan Prasad, ranchi: प्रेरणादायक पोस्ट । 👌
Vinod Roy: मेरी फुफेरी बहन. सर्व गुण संपन्न. जिंदगी में कभी हार नहीं मानने वाली. आज उसने सफलता की जीतनी भी सीढ़ियाँ चढ़ी है खुद की बदौलत,कोई धक्का देने वाला नहीं था.
Indu Bhushan Bhatt: होगी सफलता क्यों नहीं, कर्त्तव्य पथ पर दृढ़ रहो।
असीमा जी की पोस्ट मुझे बेहद पसंद आई है, संगीत का सेवक हूँ, जहाँ पहुंचना था अब तक नहीं पहुंचा लेकिन अब जरूर पहुंचूंगा। मुझे प्रेरित करने के लिए असीमा जी को बहुत बहुत शुक्रिया।
Sanjay Rana, Dhanbad: We should learn from her
Priyanka Rai Really inspirational…
Hari Bansh Roy: Bravo . Go ahead .
Sharma Nirmala, Bhadohi: संघर्ष ही जीवन है इसपर विजय पाकर साबित कर दिया संघर्ष करने वालो की कभी हार नही होती। प्रेरणा है आप । इसी तरह हर समस्याओ पर जीत हासिल करते रहे।
Ram Sharma, Delhi: inspirational
Sanjeev Ray, patna: आने वाली पीढ़ी और जो भी प्रयासरत है सभी के लिए एक बड़ी सिख मिली आपकी ये लेखन से।
Gautam Singh, Saharsa: अति सुन्दर लेख पढ़कर बहुत प्रेरणा मिली ।
Sanju Raj: Necessay element of our life
Deepak Sharma: अत्यंत प्रेरणास्पद कथन
Ku Bhatt Sharad, Lko: जिंदगी मे reverses को हेंडल कर पाने की छमता के विकास का कोई अध्ययन और अध्यापन नहीँ होता जबकि हर adventurer या enterpeneur के लिये ज़रूरी है । साथ ही ज़रूरी alterntive plan ।primary plan से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण और बेहतर ।क्योंकि ये है to fall back upon ।जिसको लेखिका मौह्तर् मा ने के पिताश्री ने कहा लिखना मत छोड़े ॥ या वे स्वयम केह्ती हैं –दूसरी प्रतिभा को पेह्चानौ ,एक्सप्लोर करो । सत्य पैसा और काम ,खुली नज़र वालों यानी opportunity पेह्चान ने वालो के पीछे भागता है ।
Manish Kumar: Nice & cuit post
आर के भट्ट: सफल होना है तो अपनी रफ्तार को तेज कर मंजिल आपके कदमों के नीचे होगी|
Ashish Raj: कुछ माह पहले अपने इस ग्रुप के किसी स्वजन का नौजवान पुत्र कथित तौर पर ट्रेन से लौटते हुए रास्ते में आत्महत्या जैसा जघन्य कदम उठाया था, इसे जानकर अत्यंत पीड़ा हुई थी| पर #असीमाजी की प्रेषित यह आपबीती रचना इस तरह की कायराना कृत्य एवं सोंच पर सकरात्मक प्रभाव डाल सकती है, खासकर आज की युवा-पीढ़ी इससे अवश्य प्रेरणा ले सकती है|
Geeta Bhatt, Allahabad: ये तो सच है कि काम करनेवाले के लिए दुनिया बहुत छोटी पड़ जाती है ।लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल ही नही नामुमकिन होता है ।परन्तु अर्जुन बनना ही पडता है तभी जीत हासिल होती है ।बहुत बहुत बधाई हो
SN Sharma, patna: We are proud of your confidence never think about miseries be hopeful.
Sharmaomprakash Lic: शाबाश जमे रहिए
Pravin Brahmbhatt Nice: खाली दीमाग सेतान का घर होता है
Anil Sharma: जीना इसी का नाम है
Mantu Kr Brahmbhatt: मैं आपसे बहुत प्रभावित हुआ ,आपको सत् सत् नमन।
Rakesh Sharma: Very impressive post.
Asima Bhatt: I am writing regular in ‘दुनिया इन दिनों’ और ‘निकट’
J Shankar Sharma: असिमा जी मे असीम इच्छा शक्ति है जो लोगो के लिये प्रेरणा स्रोत का कार्य करेगा .वे अपने प्रयास मे सफल हों यही कामना है.
Anita Sharma: आपके इस सकारतमक सोच को सलाम ….
Anil Bhatt: Didi pranam aap ki sadhna ko shat shat naman. Mere pas kuchh books ke marathi se hindi translation ki jaroorat hai aap madad karengi professional hai atah aap contact karta sakti hai mera contact no 9324335064 hai
Asima Bhatt: Thanks but I don’t know marathi
Nisha Kulshreshtha: ओह , विधाता का रचा विधान
Madanlal Shrimali: दुःखद अंत।
Pushpa Tiwari: सभी जिन्दगी सुखद नहीं होती । बड़ा बुरा हुआ
Kiran Mishra: ओह..!बहुत दुखद
विकास तिवारी: वह आदमी समग्र सुंदर निकले !
सुश्री इंदु सिंह: उफ़, दुखांत ने आँखें नम कर दी…पहले शादियां इसलिये ही लम्बी टिकती थी कि धीरे-धीरे प्रेम होता जो दो अजनबियों को जन्मों के लिए एक कर देता… ]
Shyam Ankuram हिला देने वाली आपबीती ,महा दुख !
Vivek Gautam मन को छू गई कहानी
प्रियंका इसलिये मैं मानती हूँ कि अपने प्यार के साथ हर दिन अंतिम दिन जैसा जीना चाहिए, कल किसने देखा है। खूब प्यार करिये, इतना कि फिर अफ़सोस न रह जाए।
Anupama Tiwari सच में वो इंसान थे इंसान होना ही बस हमारे हाथ में है 🙂
Narendra Parihar ओह ….दुखद …..
Mahendra Bhishma संवेदनशील और प्रेरक , थाम लो उसे जो साथ है समय बहुत कम है मित्र!
Anju Panjwani Chhabra Heart touching
Monika Verma Heart💓 touching story…😔
Gyanendra Vikram Singh Ravi प्रेरक संस्मरण ..
Asima Bhatt यह कथा नहीं है जिनके बारे में लिखा मेरे मामा जी थे .
Gyanendra Vikram Singh Ravi ओह …
Vinay Laxmi Bhatnagar दुख में भी संदेश है
Saurabh Dwivedi पर आजकल मासूम दिल की कीमत नही रह गई बस सुंदरता अमीरी ही होनी चाहिए
Raj Narayan बेहद संवेदनशील वाक़्या
Rudra Shrivastav दिल में उतर गयी
Prakash Sharma जो समझे उसके लिए बहुत मार्मिक गहराई छुपी हुई है इस कहानी में। वाकई लाज़वाब
Shilpi Ravindra ये बयान इतनी छोटी क्यो है.
Asima Bhatt जितने कम में बात की जाये वह उतना असर छोड़ती है
Shreesh Rakesh Jain बहुत मार्मिक!
Ajay Srivastava हृदयस्पर्शी
Mahesh Sharma अब पछताए क्या हॉत जब चिड़िया चुग गयी खेत
Abhishek Rai हृदयस्पर्शी, दिल को छू गयी
Kamlesh Kumar Diwan जब कोई हमारे साथ नहीं होता है तब ही एहसास होता है कि वो क्या थें
Pradeep Kumar वक्त कभी नहीं लौटता. इसलिये जो मिला है उसी में खुश और संतुष्ट रहो और हर पल जी भर के जियो
Ram Pyare Rai बेहद मार्मिक ।दिल को छू गई ।
Om Prakash Nagar जीवन की सभी इच्छायें किसकी पूरी हुई हैं ?
Gokulesh Kumar अच्छे दिल, साफ मन की सच्चाई …. पढ कर अच्छा भी लगा एवं उतना ही दुख: भी हुआ ।
Manju Sharma दिल को छूने वाली मार्मिक है यह कहानी दी!
Neelima Singh बहुत ही मार्मिक मन को गहरे तक छू गई
Vikas Mishra बेहतरीन। दिल कचोट लेने वाली दास्तान।
Kamal Wankhede बेहतरीन मन को छू गई…
Vijendra Singh आंसू आ गये ॥
Asima Bhatt बुआ आप भी मेरी शक्ति हैं. अपना ख्याल रखें. गॉड लगती हूँ. आशीर्वाद दीजिये.
Pintu Babu बहुत ही मार्मिक कहानी है
Rajesh Raj आँसू की तरह पारदर्शी और उसी तरह असरदार
Sangita Bhagalpur आह ! दिल भर आया !!
Indu Bhushan Bhatt बेहद भावुक कर देने वाली पोस्ट है