मेट्रोमैन होंगे एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार !

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बीजेपी की राजनीति पूरी तरह से दक्षिण भारत पर केंद्रित है। बीजेपी की सोच है कि किसी दक्षिण भारतीय को राष्ट्रपति बनाकर दक्षिण की राजनीति को साधा जाए। मेट्रोमैन के बारे में जो राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं उसपर अमली जामा कहा तक पहनाया जाता है। 

अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली
क्या मेट्रोमैन के नाम से विख्यात ई श्रीधरन अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे ? माना जा रहा है कि प्रधानमन्त्री मोदी ने श्रीधरन के व्यक्तित्व को देखते हुए उनके नाम पर सहमति दे दी है। अगर ऐसा होता है तो विपक्ष की राजनीति भी फीकी पड़ जायेगी और इस साझे उम्मीदवार पर कांग्रेस भी कुछ नहीं कह पाएगी। श्रीधरन को आगे बढ़ाने में कांग्रेस की महती भूमिका रही है।
दरअसल, कोच्च‍ि मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मंच पर श्रीधरन को न बुलाने से बवाल खड़ा हुआ है। कोच्च‍ि मेट्रो का शनिवार को उद्घाटन है, लेकिन इसके लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में जब लोगों को मंच पर पीएम के साथ उपस्थ‍ित रहने वाले अतिथ‍ियों में देश के ‘मेट्रो मैन’ कहे जाने वाले ई श्रीधरन का ही नाम नहीं दिखा तो इस पर विवाद खड़ा हो गया। इस सूची में श्रीधरन का नाम न होने पर विपक्ष ने बीजेपी की आलोचना शुरू कर दी।
केरल की पिनारी विजयन सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा, मंचासीन अतिथ‍ियों की सूची में बदलाव किया जाना चाहिए और उसमें श्रीधरन जैसे कई अन्य नाम शामिल किए जा सकते हैं। वास्तव में इस बात की प्रबल संभावना है कि श्रीधरन को 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी-एनडीए का कैंडिडेट बनाया जा सकता है। इसलिए उनकी उम्मीदवारी की इस घोषणा से कुछ दिन पहले पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के साथ मंच पर बैठना उचित नहीं होता। इसके अलावा पीएम मोदी खुद यह चाहते होंगे कि ऐसे व्यक्ति से सार्वजनिक स्तर पर दूरी बनाए रखें, जिसे एनडीए राष्ट्रपति कैंडिडेट के रूप में आगे बढ़ाना चाहती है।
 
खबरों के अनुसार केरल सरकार ने पीएमओ को उन 17 लोगों की सूची भेजी थी, जिन्हें पीएम मोदी के साथ मंच पर बैठना था। इसमें श्रीधरन का नाम शामिल था। इसके अलावा इसमें केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्न‍ितला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, स्थानीय विधायक पीटी थॉमस चेन्नितला और मुख्य सचिव नैलिन नेट्टो का नाम भी शामिल था। लेकिन पीएमओ ने सिर्फ छह लोगों के नाम को मंजूरी दी थी। अब देखना होगा कि मेट्रोमैन के बारे में जो ख़बरें चल रही हैं और जो राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं उसपर अमली जामा कहा तक पहनाया जाता है। बीजेपी की राजनीति अभी पूरी तरह से दक्षिण भारत पर केंद्रित है। बीजेपी की सोच है कि किसी दक्षिण भारतीय को राष्ट्रपति बनाकर दक्षिण की राजनीति को साधा जाय।
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