रोजगार पर हथौड़ा : रेलवे हर साल एक फीसदी पद समाप्त करता है। मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे कि समीक्षा के बाद यह तय होगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएं। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
संवाददाता/नई दिल्ली
बेरोजगारी के दंश से परेशान युवाओं के लिए एक बुरी खबर है। खबर मिल रही है कि रेल बड़े स्तर पर कर्मचारियों की नौकरियाँ ख़त्म करने जा रही है। खबर के मुताविक 17 रेल मंडलों से करीब 11 हजार नौकरियों को ख़त्म करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। माना जा रहा है कि रेल बोर्ड की तरफ से इस बावत एक पत्र भी सभी रेल मंडलों को भेजा जा चुका है। इस खबर के बाद रेल के भीतर खलबली मची हुई है। बता दें कि अभी भारतीय रेल में करीब 15 लाख कर्मचारी काम करते हैं। रेल ही सबसे ज्यादा रोजगार देता रही है लेकिन इस खबर के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और छंटनी की संभावना बन सकती है।
माना जा रहा है कि 25 मई को केंद्रीय रेलवे बोर्ड के निदेशक अमित सरन ने इस आशय का आदेश पत्र सभी जोन मुख्यालयों को भेजा है। इससे रेल कर्मचारियों में हड़कंप है। हालांकि रेलवे प्रशासन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है। अधिकारियों के मुताबिक रेलवे हर साल एक फीसदी पद समाप्त करता है। मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएंगे। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
खबर है कि रेलवे बोर्ड ने रेल अफसरों को कम कार्यबल में ही रेल संचालन करने को कहा है। लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की तरफ से हर साल एक करोड़ नौकरियां देने का एलान किया था लेकिन तीन साल बाद भी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उल्टे सरकार कर्मचारियों की नौकरियां खत्म कर रही है।