रॉबर्ट वाड्रा पर एक नया खुलासा 

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ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि रॉबर्ट वाड्रा का वीआईपी स्टेटस देखकर ही गुड़गांव में कॉलोनी बनाने की इजाजत दे दी गई थी जबकि कंपनी की निर्माण क्षमता के आधार पर ही लाइसेंस मिलने का नियम है।

अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली

नियम तो यही है कि किसी भी कंपनी की निर्माण क्षमता के आधार पर ही उसे लइसेंस दिए जाए लेकिन जब पूरी व्यवस्था ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो और सामने आका खड़े हों तो फिर नियम कायदे की क्या बिसात।  हमारे देश में ऐसा अक्सर ही होता रहा है। अभी हाल में कुछ इसी तरह की एक और कहानी सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के बारे में सामने आयी है। वाड्रा को लेकर यह एक नया विवाद माना जा सकता है। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि रॉबर्ट वाड्रा का वीआईपी स्टेटस देखकर ही गुड़गांव में कॉलोनी बनाने की इजाजत दे दी गई थी जबकि कंपनी की निर्माण क्षमता के आधार पर ही लाइसेंस मिलने का नियम है।

दरअसल, साल 2008 में हरियाणा की भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को गुड़गांव में कॉलोनी बनाने की इजाजत दी थी। माना जा रहा है कि आयोग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि जिन अधिकारियों को वाड्रा और उनकी कंपनी की कॉलोनी बनाने की क्षमता का मूल्यांकन करना था, उन्होंने वाड्रा के स्टेटस को ही आधार मान लिया। यानी रॉबर्ट वाड्रा का सोनिया गांधी का दामाद होना ही उनकी कंपनी की क्षमता का सबूत मान लिया गया। एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि रिटायर्ड जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग के सामने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (डीटीसीपी) के अधिकारियों के बयान से ये बात सामने आई है।
यह बात और है कि राजनीति में द्वेष बस भी बहुत सारे खेल किये जाते हैं लेकिन जांच आयोग की रिपोर्ट जब उंगुली उठाने लगे माना जाता है कि दाल में कुछ काला है। हालांकि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा हमेशा से ढींगरा आयोग पर सवाल उठाते रहे हैं और कहते रहे हैं कि खट्टर सरकार राजनितिक द्वेष बस यह सब कर रही है ताकि मेरी इमेज ख़राब हो सके।

आपको बता दें कि गुड़गांव में कॉलोनी बनाने की परमिशन में अनियमितता की जांच ढींगरा आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने अगस्त, 2016 में अपनी रिपोर्ट हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी।  हालांकि, आयोग की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। अब देखना होगा कि वाड्रा का यह नया खेल कांग्रेस को कितना निचे ले जाता है।

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