कर्ज माफ होने पर ही मेरा शव जलाना

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आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार में उसकी पत्नी एवं दो बच्चे हैं। उसके पास खेती योग्य 2.5 एकड़ भूमि थी। पुलिस ने बताया कि किसान पर 60,000 रुपये का क़र्ज़ था और उसने निजी साहूकारों से भी उधार लिया था। इस घटना के बाद किसानों के संगठनों ने सड़क मार्ग बाधित कर दिया और करमाला तहसील में बंद का आह्वान किया है।

 अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली
अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार

‘जब तक मुख्यमंत्री उसके घर नहीं आते और उसकी मांगें पूरी नहीं करते, तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना चाहिए’ ये अंतिम शब्द हैं मृतक किसान धनाजी जाधव के। फांसी के फंदे पर खुद को लटकाते समय जाधव ने एक सुसाइड नोट अपने घर वालों के नाम छोड़ गए थे। हमारे समाज का चलन है कि मरने वाले व्यक्ति से उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है। लेकिन धनाजी बगैर पूछे ही अपनी अंतिम इच्छा अपने गाँव वालों को बता गए। ऐसा केवल भारत में ही संभव है। खबर के मुताविक महाराष्ट्र में जारी किसान आंदोलन के बीच सोलापुर ज़िले के एक गांव में एक किसान धनाजी जाधव ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली है।

रोज तीन-चार आत्महत्या: सोलापुर के कलेक्टर राजेंद्र भोसले ने कहा कि धनाजी जाधव (45) ने पिछली रात करमाला तहसील के वीत गांव स्थित अपने घर के पास एक पेड़ से लटककर खुद को फांसी लगा ली। याद रहे, सरकार की गलत नीति और कर्ज में डूबे किसानों की बहाल होती जिंदगी ने कई किसानों को आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया है। माना जा रहा है कि सूबे में हर रोज तीन से चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
करमाला पुलिस के अनुसार जाधव ने अपने सुसाइड नोट में अपने मित्रों एवं संबंधियों से कहा, मैं एक किसान हूं, धनाजी चंद्रकांत जाधव। मैं आज आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे शव को कृपया मेरे गांव ले जाएं और जब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यहां नहीं आते, तब तक मेरा अंतिम संस्कार नहीं करें।
कलेक्टर ने यह भी पुष्टि की कि किसान ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसके शव का तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाए, जब तक मुख्यमंत्री उसके घर नहीं आते और किसानों के ऋण माफी की घोषणा नहीं करते। सोलापुर के प्रभारी मंत्री विजय देशमुख ने गांव का दौरा किया है। आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार में उसकी पत्नी एवं दो बच्चे हैं। उसके पास खेती योग्य 2.5 एकड़ भूमि थी। पुलिस ने बताया कि किसान पर 60,000 रुपये का क़र्ज़ था और उसने निजी साहूकारों से भी उधार लिया था। इस घटना के बाद किसानों के संगठनों ने सड़क मार्ग बाधित कर दिया और करमाला तहसील में बंद का आह्वान किया है। किसानों के बीच सरकार के विरुद्ध आक्रोश को देखते हुए घटना सथल पर पुलिस की भारी तैनाती की ख़बरें मिल रही है।

फडणवीस की आलोचना: महाराष्ट्र में किसानों के पिछले एक सप्ताह से लगातार जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विपक्षी दलों एवं भाजपा की सहयोगी शिव सेना की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। किसानों के प्रदर्शन के कारण कृषि उत्पादों की क़ीमतों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। फडणवीस ने हाल में एक बयान देकर 31 अक्तूबर तक ऋण माफ़ करने का वादा किया था लेकिन यह वादा आंदोलनरत किसानों को शांत नहीं कर पाया।  किसानों का आंदोलन जारी है।

उधर मध्यप्रदेश में जारी किसान विद्रोह केंद्र सरकार को भी सकते में डाल रखा है। मंदसौर में 6 किसानो की मौत से पुरे देश के किसानो में भारी नाराजगी को देखते हुए सरकार कई स्तर पर कार्रवाई करती दिख रही है लेकिन कर्ज के जाल में फसे किसानो को राहत देने के लिए सरकार कुछ भी करती नहीं दिख रही।

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